Categories: मुक्तक
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कविता : हौसला
हौसला निशीथ में व्योम का विस्तार है हौसला विहान में बाल रवि का भास है नाउम्मीदी में है हौसला खिलती हुई एक कली हौसला ही…
अनोखा रिश्ता
दो मित्रों का जोड़ा भैया अमर इतिहास बनाया था। एक थे ब्राह्मण एक मुस्लिम थे रिश्ता खास बनाया था।। जंग- ए-आजादी में कूद गए थे…
अब उठ नौजवान
अब उठ नौजवान तुझे कुछ करना है जगमगाते दीप से सूरज की तरह चमकना है दिल जो कहे वो करना है ज़िंदा मछली की तरह…
Happy International Women’s Day
Happy International Women’s Day नारी हर घर की शान होती हैं, आज के युग में तो नारी घर के साथ साथ सभी क्षेत्रों में अपना…
जीवन की आड़ी-सीधी रेखाएं
जीवन की आड़ी-सीधी रेखाएं बनती और बिगड़ती रहती हैं… देख के कर्मों की गति ये कभी हँसतीं तो कभी रुवासी रहती हैं… पथ पर अपने…
Sahi baat
Thanks
वाह जी वाह
Good
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Very nice
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😘