तेरे जाने के बाद
क्यू है राब्ता मुझसे?
दूर चले जाने के बाद।
आशिकी का नशा करते हो क्या?
दिल जलाने के बाद।
क्यों आज भी नजरें चुराकर
चुपचाप देखते रहते मुझको !
क्या महसूस करना चाहते हो?
तुम सही थे या गलत
फैसला सुनाने के बाद।
जीना किसी के साथ,
मरना किसी के साथ।
फिर दिल में क्यों एक कसक का
दीया जलाये रखते हो
हमारे जाने के बाद।
क्यों भूलते नहीं
फिर याद ना करने के बाद।
क्या दिल के किसी कोने में
मैं अब भी जिंदा हूं
दफनाने के बाद।
चलो छोड़ो
हुआ जो भी हुआ
अच्छा ही हुआ।
मैं तुझ में अभी बाकी तो हूं
तुझे खो देने के बाद।
यही तेरे प्यार की राख तो
सुकून ए इश्क को रखे हुए है आबाद।
तुझे मेरी तलब है आज भी
बिछड़ जाने के बाद।
निमिषा सिंघल
Good
Thanks
वाह
Thanks
तारीफ़ क्या लिखूँ
आपकी कविता पढ़ने के बाद।
बहुत अच्छी है ये
पूर्व के कविताओं के साथ साथ।।
गज़ब की बात कही आपने।।
Dhanyavad
बढ़िया
Thank you
Good