Holi
आहट पाकर फागुन की, पेड़ों ने ओढ़नी बासंती ओढ़ी
धमाल फाग संग चंग बजाने, निकली मस्तानों की टोली
हल्की फुल्की ठंड के साथ, मौसम करे आंख मिचौली
धूम मचाओ, रंग उड़ाओ, क्यों कि आ गया है होली
बच्चे निकले घरों से ले, हाथों में अबीर गुलाले
लगी महिलाएं गोबर संग, बड़कुल्ले ढाल बनाने
मिठाइयों की महफिल सजती, किसे छोडे होठों से लगा ले
ऐसी है होली की मस्ती, सबको रंग में अपने मिला ले
कोई खेले रंगो से, कोई खेले फूलों की होली
बरसाने की लठमार होली, भूले ना हमजोली
नाच उठी वृंदावनी गलियां, देख भक्तों की टोली
रंग पंचमी ऐसा रंग जमाये, हर दिल हो holy holy
बुरा ना मानो होली है, इस दिन बहुत हंसी ठिठोली है
हर कोई इसके रंग में रंगता, ऐसी यह भंग की गोली है
भुला कर पुराने गिले शिकवे, अपनों के बीच की चुप्पी तोड़ी है
हां नाम इसी का होली है, हां इसी का नाम होली है
सुन्दर
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Superb
Nice h
so beautiful
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Wow
Too nic
Mst
Okkk
Bht khoob
Good
Good
Nice one
Wow
Grt
Grt
Nice one
Kya likhte ho bhabhi mst
सोso so
Nice poem