Categories: शेर-ओ-शायरी
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
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कल किसने देखा कल आये या ना आये
कल किसने देखा कल आये या ना आये आज की तू परवाह कर ले कही यह भी चला ना जाये देख परायी चुपड़ी तेरा मन…
good
थैंक्स
Nice
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Nice
धन्यवाद
Nyc
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वाह
धन्यवाद
Good one
थैंक्स
धन्यवाद