Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
जो आत्मनिर्भर है
1 जो आत्मनिर्भर है, उन्हें आत्मसम्मान की शिक्षा दे रही हैं क्यूँ हमारी सरकार? मजदुर अपने बलबूते पर ही जिन्दगी जीते, ये जाने ले हमारी…
सुरूर
तुम्हारी ख्वाहिशों को पूरा करने आऊंगा जरूर ना उतरा है ना उतरेगा तुम्हारी आँखों का सुरूर
अपनी छाया में भगवन, बिठा ले मुझे
अपनी छाया में भगवन, बिठा ले मुझे (२) मैं हूँ तेरा तू अपना बना ले मुझे (२) अब मुझे गम का गम, ना ख़ुशी की…
Nice
Thank you
Wah
थैंक्स
Nyc
वाह
गुड
वाह!क्या बात है!