ताज महल
नाकाम मोहब्बत की निशानी
ताज महल ज़रूरी है
जो लोगो को ये बतलाये के
मोहब्बत का कीमती होना नहीं
बल्कि दिलों का वाबस्ता होना ज़रूरी है
दे कर संगमरमर की कब्रगाह
कोई दुनिया को ये जतला गया
के मरने के बाद भी
मोहब्बत का सांस लेते रहना ज़रूरी है
वो लोग और थे शायद, जो
तैरना न आता हो तो भी
दरिया में डूब जाते थे
मौत बेहतर लगी उनको शायद
क्योंकि महबूब का दीदार होना ज़रूरी है
मरते मर गए पर खुद को
किसी और का होने न दिया
चोट उसको लगे और छाले
दिलबर के हाथों पे हो
ऐसी मोहब्बत पे फ़ना होना ज़रूरी है
कैद होकर यूं ताजमहल की
सुन्दर नक्काशी में
मुमताज़ महल आज भी सोचती होगी
के सच्ची मोहब्बत का संगमरमर होना नहीं
बल्कि मिसाल बन कर मशहूर होना ज़रूरी है ….
अर्चना की रचना “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास”
ati sunder
Nice
Good
Nyc
बहुत बहुत आभार आप सब की सराहना का .
👏👍