Categories: शेर-ओ-शायरी
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मैं अकेला….
मैं अकेला था अकेला हूँ अकेला रह गया, ज़िन्दगी की धूप छाँव सब खुशी से सह गया। टूटा हूँ पत्ते सा क्यूँकि मेरी सूखी डाली…
मैं अकेला ही चलूँगा
मैं अकेला ही चलूँगा । शीश पर तलवार मेरे, पाँव में अंगार मेरे, या काटूँ या फिर जलूँगा । मैं अकेला ही चलूँगा ।। तुम…
अकेला
जीवन के सफर में अकेला हर शख्स यहाँ, हर छोटे बङे रस्ते पर अकेले ही चला जा रहा, अक्स बहुत हैं बिखरे इधर, पर अपना…
चाँदनी की आर में कौन है?
आज की रात मेरी इम्तहान की घडी है। देखना है उस चाँदनी के पीछे कौन खड़ी है।। पहले तो चाँदनी रात में इतनी रौनक न…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
Nice
थैंक्स
Good
धन्यवाद
अति सुन्दर
🙏🙏🙏
वाह बहुत सुंदर
था
🙏🙏
Nice
थैंक्स
Nyc