फूल की राहों में…

फूल की राहों में काँटे बिखरेता है कौन?
चांदनी रात में अकेला यहाँ आता है कौन?

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अकेला

जीवन के सफर में अकेला हर शख्स यहाँ, हर छोटे बङे रस्ते पर अकेले ही चला जा रहा, अक्स बहुत हैं बिखरे इधर, पर अपना…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

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