मित्र

विपत्ति में जो मित्र काम दें,
वहीं सच्चा मित्र कहलाये।
ज्ञान दर्पण को परख कर,
साहस से निर्बल को अपनाये।।

✍ महेश गुप्ता जौनपुरी

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