शहीदों को श्रद्धांजलि

विनयचंद यूँ रो रो कर
कितने को श्रद्धांजलि दोगे।
आँसू कम पड़ जाऐंगे तेरे
आखिर कितना रोओगे।।
सभी शहीदों के खातिर
अब अपना शीश झुकाता हूँ।
एक जन्म क्या हर जन्मों में
आभार तेरा फरमाता हूँ।।
जय जवान…. जय हिन्दुस्तान।।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

हिन्दुस्तान हमारा (स्वतंत्रता दिवस प्रतियोगिता)

अपना देश कितना सुंदर कितना प्यारा। हर देश से प्यारा देश हिन्दुस्तान हमारा।। हिन्दी है हम हिन्दी ही मेरा परम धरम। इसलिए तो गर्व करे…

Responses

New Report

Close