Categories: Poetry on Picture Contest
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
जवाब…
जवाब… बस देती ही रही हूं जवाब… घर जाने से लेकर घर आने का जवाब… खाने से लेकर खाना बनाने का जवाब… बस देती ही…
जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)
वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…
अनुभव सिखायेगा
ईंट फेंकेगा आप पर कोई आप उस ईंट को संभाल कर रखना, कभी भवन बनाओगे या कुछ सृजन करोगे, काम आयेंगी वे ईंट और पत्थर।…
जय जवान
उत्तम भाव
धन्यवाद।
अति उत्तम
शुक्रिया।
वाह
धन्यवाद।
ईंट का जवाब पत्थर
सुन्दर रचना
जय भारत
🙏🙏
देश में ऐसा एकदम कम होता है तो राफेल आ गया है