Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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भ्रूण हत्या
मेरा जिससे था प्रेम प्रसंग वो रहता था हर पल मेरे संग हम एक दूजे के साये थे जन्मों बाद करीब आए थे.. वो हाथों…
मुझको बचाओ मुझको पढ़ाओ
कन्या बचाओ खुद कन्या कहती है- मुझको बचाओ तुम मुझको बचाओ, सपना नहीं अब हकीकत बनाओ, बेटा और बेटी का फर्क मिटाओ, बेटी बचाओ अब…
मां तूं दुनिया मेरी
हरदम शिकायत तूं मुझे माना करती कहां निमकी-खोरमा छिपा के रखती कहां भाई से ही स्नेह मन में तेरे यहां रह के भी तूं रहती…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
रात तूं कहां रह जाती
अकसर ये ख्याल उठते जेहन में रात तूं किधर ठहर जाती पलक बिछाए दिवस तेरे लिए तूं इतनी देर से क्यूं आती।। थक गये सब…
वाह
सादर धन्यवाद
उत्तम
सादर नमस्कार
nice
धन्यवाद जी
Nyc
Thanks
सादर धन्यवाद
good
धन्यवाद
सुंदर भाव
धन्यवाद श्रीमान जी
वेलकम
वाह
Thanks
वाह वाह
Thanks