वफ़ा की उम्मीद

हम अपनी बेबसी पर,
बेबस रहना पसंद करते हैं।
ज़माना लाख बेवफाई करें हमसे ,
हम अब भी वफ़ा की उम्मीद करते हैं।
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Responses

  1. कवि अपनी बेबसी पर व्यथित नहीं है, उसकी संवेदना आशावादी दृष्टिकोण रखते हुए आगे बढ़ रही है, बहुत खूब

  2. आप बहुत ही आशावादी तथा साथ ही व्यक्ति हैं आपकी या रचना आप की मनोदशा को प्रदर्शित करती है

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