Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मन की पतंग
मीठे मीठे सपने संजोने दो होता है जो उसे होने दो कल का पता नहीं क्या होगा बाहों में और थोड़ा सोने दो ।……….. जागी…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
मुझको बचाओ मुझको पढ़ाओ
कन्या बचाओ खुद कन्या कहती है- मुझको बचाओ तुम मुझको बचाओ, सपना नहीं अब हकीकत बनाओ, बेटा और बेटी का फर्क मिटाओ, बेटी बचाओ अब…
पापा
पापा इतना सब आप कैसे कर लेते हो? कैसे असल जिंदगी में हरफनमौला रह लेते हो? हर काम में परफेक्ट कैसे हो लेते हो वो…
वाह क्या बात है।
सादर धन्यवाद जी
सुन्दर
सादर धन्यवाद जी
Very nice lines
Thank you
वाह वाह
सादर नमस्कार जी
Very cute lines
बहुत बहुत धन्यवाद जी
बहुत सुंदर पंक्तियां
बहुत बहुत धन्यवाद
Very nice
Thank you जी