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एक नात लिखूँ
मैं दिल की जज़्बात लिखूँ। चाहता हूँ एक नात लिखूँ।। मंदिर और मस्जिद में ढूँढ़ा ढूँढ़ा काबा -काशी में। गंगा और यमुना में ढूँढा ढूँढा…
रुकना हमने सीखा ही नही
रुकना हमने सीखा ही नही झुकना ही ह्मारी नीयती है मुश्किलें हजारों चाहे आयी हो रुकना हमारी सोचो में नही …… यूई
सागर और सरिता
सागर ने सरिता से पूछा, क्यों भाग-भाग कर आती हो। कितने जंगल वन-उपवन, तुम लांघ-लांघ कर आती हो। बस केवल खारा पानी हूं, तुमको भी…
जिन्हें सब कहते हैं श्रीराम
हैं वह मर्यादा का नाम जिन्हें सब कहते हैं श्रीराम, पुरुषोत्तम, आदर्श संस्थापक, न्यायप्रिय श्रीराम। जन्म हुआ दशरथ जी के घर अयोध्या जैसा धाम, अपमानित…
बरसात
ये कहानी कुछ यूँ तय्यार हों गयीं की एक शख़्सियत बस उनपर फ़िदा हों गयीं ..! बस देखने से ही शूरवात हों गयीं फिर तो…
उम्दा
सुंदर
बहुत खूब