इत्तमाम पा लिया है

इत्तिफाक से हमने
गुजीता किया जब
आपके चमन को,
गिरफ्तार कर लिया तब
आपने हमारे
गुमगश्ता मन को।
अब ऐसा लगता है
इत्तमाम पा लिया है,
आप हैं तो जीने का
इंतजाम पा लिया है।

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Responses

  1. बहुत सुंदर रचना है… हृदय के भावों की ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति ।
    आप है तो जीने का इंतजाम पा लिया है।… बहुत ख़ूबसूरत पंक्तियां, लाजवाब, काबिले तारीफ़ ।

    1. भावों की गहराई तक पकड़ बनाने और बेहतरीन समीक्षा हेतु हार्दिक धन्यवाद और अभिवादन। यह उत्साहवर्धन यूँ ही बना रहे।

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