Categories: शेर-ओ-शायरी
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नही मिलते
ये रास्तें है कैसे हमसफ़र नही मिलते, छूट गए जो पीछे उम्र भर नही मिलते! सूख चूके है उनके दीदार के इंतजार में, हरे-भरे अब…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
ज़िन्दगी
………………….…Few lines on life …………………..…… Kabhi gam to kabhi khushiyon ki saugat hai zindagi. Kabhi dhoop to kabhi chhaon mein tahalatee ek aash hai zindagi…
जिंदगी की चाहत
जहाँ हमें मिलना था वहीं मिलते तो अच्छा था जहाँ दूरियां न होती नजदीकीयां होती वहीं मिलते तो अच्छा था जहाँ फूल खिलते बहारें होती…
इश्क़ के सफर में
ज़िन्दगी के सफर में कई हमराह मिलते हैं। कहीं पे वाह मिलते हैं कहीं पे आह मिलते हैं।। सफर में इश्क़ के कुछ विरले होते…
वाह, बहुत खूब, सुन्दर अभिव्यक्ति। लाजवाब लेखन
समीक्षा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी । बहुत बहुत आभार सर 🙏
Very nice lines
बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ
सुंदर
बहुत बहुत धन्यवाद आपका भाई जी
बहुत सुंदर पंक्तियां
धन्यवाद मैम
बहुत लाजवाब
Thank you very much sis.