नया समाज

चलो आज अपने घर को ऐसा घर बनाते हैं
जिसमे बड़े पेड़ के नीचे ,
नए पौधों को पनपने का सुख दे,
खुशी से जिंदगी बिताते हैं,
चलो आज अपने घर को ऐसा घर बनाते हैं
पुराने अनुभव, नई सोच को,
एक दूसरे का पूरक बना,
सबको आत्म सम्मान से जीना सिखाते हैं ,
अपने छोटे से प्रयास से नया समाज बनाते है
चलो आज अपने घर को नया घर बनाते हैं।

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

कुछ नया करते

चलो कुछ नया करते हैं, लहरों के अनुकूल सभी तैरते, चलो हम लहरों के प्रतिकूल तैरते हैं , लहरों में आशियाना बनाते हैं, किसी की…

Responses

  1. “पुराने अनुभव, नई सोच को एक दूसरे का पूरक बनाते हैं”
    बहुत सुंदर पंक्तियां ।
    नई पीढ़ी को पुराना अनुभव और पुरानी पीढ़ी को आधुनिक विचार ।यदि इन दोनों का सम्मिश्रण हो जाए तो समाज को उन्नति ही मिलेगी।
    बहुत शानदार प्रस्तुति ।

+

New Report

Close