नया समाज
चलो आज अपने घर को ऐसा घर बनाते हैं
जिसमे बड़े पेड़ के नीचे ,
नए पौधों को पनपने का सुख दे,
खुशी से जिंदगी बिताते हैं,
चलो आज अपने घर को ऐसा घर बनाते हैं
पुराने अनुभव, नई सोच को,
एक दूसरे का पूरक बना,
सबको आत्म सम्मान से जीना सिखाते हैं ,
अपने छोटे से प्रयास से नया समाज बनाते है
चलो आज अपने घर को नया घर बनाते हैं।
“पुराने अनुभव, नई सोच को एक दूसरे का पूरक बनाते हैं”
बहुत सुंदर पंक्तियां ।
नई पीढ़ी को पुराना अनुभव और पुरानी पीढ़ी को आधुनिक विचार ।यदि इन दोनों का सम्मिश्रण हो जाए तो समाज को उन्नति ही मिलेगी।
बहुत शानदार प्रस्तुति ।
सुन्दर समीक्षा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
बहुत खूब, सुंदर अभिव्यक्ति
धन्यवाद जी
बहुत खूब
शुक्रिया जी
बहुत खूब
धन्यवाद जी
आपके विचारों की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम
बहुत सुंदर पंक्तियां
बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
Nice
Thanks