Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
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बहुत ही बेहतरीन पंक्तियाँ हैं। भावगत विशेषता के साथ कलापक्षीय सौंदर्य अद्भुत है। वाह।
सुन्दर समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी । आपका बहुत बहुत शुक्रिया सर 🙏
आपका जबाब नहीं। बेहतरीन पंक्तिया
Thanks for your valuable compliment Isha ji.
सुन्दर अभिव्यक्ति
धन्यवाद जी
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद आपका भाई जी 🙏
बहुत सुंदर पंक्तियों के सृजन किया है आपने। बहुत खूब
आपकी इस टिप्पणी का तहे दिल से शुक्रिया कमला जी🙏
मित्रता के महत्व को प्रतिपादित करती बेहतरीन lines। बहुत बढ़िया
कविता के भाव को समझने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏
बहुत ही सुंदर कविता। यूँ ही निरंतर सुंदर तरीके से लिखते रहें।
Thank you very much Ramesh ji for your nice n valuable compliment.🙏
दोस्ती के ऊपर बहुत ही सुन्दर कविता
Thanks for your lovely comment seema
बहुत सुंदर पंक्तियां
बहुत बहुत शुक्रिया मोहन जी
बहुत खूब
Thank you very much