Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: संपादक की पसंद
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हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
हवा
वसंती आयी वसंती आयी देखो देखो वसंती आयी साथ में हरियाली लायी फूलों की महक लायी भौरो को संग लेकर आयी ओंस की बूदो को…
“दहेजप्रथा मुक्त समाज”
बेटी है यह कोई सामान नहीं, यह अनमोल खजाना है, जिसका कोई दाम नहीं, बड़े लाड़ प्यार से पाला था जिसको, हर बुरी नजर से…
गरीबी
गरीबी एक एहसास है, इसमें एक मीठी सी दर्द है, रोज़ की दर्द में भी संतोष छिपी है, फकीरी में अमीरी का एहसास है, शायद…
कोरोना वायरस काल २०२०
कोरोना वायरस काल २०२० —– — —— – ———— कोरोनावायरस दुनिया को अपने आगोश में लेता जा रहा था बात अप्रैल माह की कर रहा…
” लोगों ने हिदायत दी, कर लूं सौदा कुछ यादों का”
वाह वसुंधरा जी बहुत ही भावुक रचना
शुक्रिया
अतिसुंदर
शुक्रिया
बहुत ही उम्दा
लेखनी
शुक्रिया
बहुत ही लाजवाब
शुक्रिया