Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
पुरानी किताबो के पन्ने पलटकर देखो
पुरानी किताबो के पन्ने पलटकर देखो इश्क़ की गहराइयो मैं खुद उतरकर देखो इश्क़ से गहरा समंदर भी नही बस एक बार आज़माकर देखो चंद…
” बड़ी फ़ुरसत में मिला मुझ से ख़ुदा है…”
मेरी सांसो में तू महकता हैँ क़ायनात – ए – ग़ैरों में तू ही अपना लगता हैँ 1 . होंठों की ख़ामोशी समझा…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
अतिसुन्दर
धन्यवाद
वाह वाह कविता में भी सागर जितनी गहराई । बहुत ख़ूब भाई जी
धन्यवाद
कवि “शास्त्री” जी द्वारा प्रस्तुत यह शायरी स्वयं के दिल को दरिया की तरह बड़ा कहने वाले सहृदय को चुनौती दे रही है । ये पंक्तियाँ पाठक के दिल की धड़कन बढ़ाने और उसे थामने पर आमादा प्रतीत होती हैं। तत्सम शब्द व जनप्रचलित शब्दों का उचित तालमेल है। भाव प्रधान पंक्तियाँ हैं। बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद