अरे, न हो, इतना निराश तू

अरे, न हो, इतना निराश तू
बाधाएं आती रहती हैं,
मगर हौसले रहें बुलंद तो
खुशियां कदम चूमा करती हैं।
असफलताओं से मत घबरा
सच्ची में तू मेहनत कर ले,
सच्चाई पर विश्वास जगा
बाकी से अब दूरी रख ले।

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Responses

  1. कवि सतीश जी की , असफलतओं से सफलता की ओर कदम ले जाती हुई बहुत ही शानदार रचना . मेहनत करने की प्रेरणा देती हुई सकारात्मक दृष्टिकोण से परिपूर्ण अति सुन्दर कविता और उसकी सुंदर प्रस्तुति. लेखनी की प्रखरता को अभिवादन .

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