Categories: शेर-ओ-शायरी
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शिक्षक दिवस पर
शिक्षक दिवस पर**** ?????? शिक्षक राष्ट्र का निर्माता शिक्षक ही ज्ञानका है ज्ञाता आदिकाल से इस जग में शिक्षक समाज का गहरा नाता । जब…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
गुरू की महिमा
गुरू की महिमा का मैं, कैसे करूं बखान । गुरू से ही तो किया है, ये सब अर्जित ज्ञान। ऐसा कोई कागज़ नहीं, जिसमे वो…
मां तूं दुनिया मेरी
हरदम शिकायत तूं मुझे माना करती कहां निमकी-खोरमा छिपा के रखती कहां भाई से ही स्नेह मन में तेरे यहां रह के भी तूं रहती…
गुरू
गुरू वन्दन गुरू वन्दन चरणों में करता हूं शीश झुका कर अभिनन्दन करता हूं मैं हूं बड़ा अभागा संसार में ज्ञान कि ज्योति जलाये रखना…
बहुत खूब
बहुत खूब
जय राम जी को