Categories: मुक्तक
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हम भारत के वासी है, संस्कृति हमारी पहचान है । सारी जहां में फैली हुई, हमारी मान-सम्मान है । सादगी है हमारी सबसे निराली, अजब…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
उम्मीदों का नववर्ष
उम्मीदों की नई सुबह नववर्ष की। सुख – समृद्धि और उत्कर्ष की ।। आगे बढ़ते हैं, कड़वे पल भुला कर। छोड़ वो यादें, जो चली…
नववर्ष
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हँसी के फूल खिला दे
होली में फूल खिला दे हँसी के, होली में फूल खिला दे। प्यारे-प्यारे रंग-बिरंगे फूल ही फूल खिला दे। हँसी के— ढंग-बेढंदी हुई जिंदगानी, होली…
आपको भी सबसे पहले मेरी ओर से बहुत बहुत शुभकामनाएं
धन्यवाद, प्रज्ञा जी, आपको भी नववर्ष की बहुत बहुत बधाई व शुभकामनाएं
Welcome
नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकमनाएं सतीश जी
आपको भी नववर्ष की बहुत बहुत बधाई गीता जी
बहुत सुन्दर
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
बहुत ही सुंदर रचना, नव वर्ष की हार्दिक बधाई व शुभकामना
अतिसुंदर भाव
Bahut Sundar