कविता : सम्मान तिरंगा (२६ जनवरी विशेष )

यह तिरंगा तो ,हमारी आन बान है

यह दुनिया में रखता ,अजब शान है

यह राष्ट्र का ईमान है ,गर्व और सम्मान है

स्वतन्त्रता और अस्मिता की ,यह एक पहचान है

क्रान्तिकारियों की गर्जन हुंकार है

विभिन्नता में एकता की मिसाल है

एकता सम्प्रभुता का कराता ज्ञान है

धर्म है निरपेक्ष इसका ,जाति एक समान है

यह तिरंगा तो ,हमारी आन बान है

यह दुनिया में रखता ,अजब शान है ||

भेदभाव की तोड़ दीवारें

यह सबको गले लगाता है

राष्ट्र पर्व की पावन बेला में

यह देश प्रेम जगाता है

जल थल नभ में गौरवता से

इसने अपना रंग जमाया है

कश्मीर से कन्याकुमारी तक

वीरों की गाथा को सुनाया है

यह तिरंगा तो ,सरहद का निगेह बान है

नयनों की थकानों का अभिराम है

यह तिरंगा तो ,हमारी आन बान है

यह दुनिया में रखता ,अजब शान है ||

‘प्रभात ‘ अर्जुन के धनुष की टंकार है तिरंगा

मुरलीधर की मुरली की पुकार है तिरंगा

बंकिम की स्वर लहरी का राग है तिरंगा

“आनन्द मठ ” के पृष्ठों की आग है तिरंगा

प्रगति विकास का प्रतीक ,उच्च निशान है तिरंगा

सीमा पर लड़ने वालों का ,आत्म सम्मान है तिरंगा

ऐ तिरंगे तेरी खातिर ,वीरों ने गोली खाई है

अनगिनत शीष चढ़ाये ,तब आजादी पायी है

यह तिरंगा तो , मेरे देश की माटी की मुस्कान है

यह तिरंगा तो ,हमारी आन बान है

यह दुनिया में रखता ,अजब शान है ||

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)

वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…

Responses

+

New Report

Close