चंद दिनों का मेहमान यहाँ सब
चंद दिनों का मेहमान यहाँ सब
फिर जाना है सबको उसके दर
आज किसी की बारी है,
कल और किसी को जाना है,
परसो अपनी बारी है ..
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चंद दिनों का मेहमान यहाँ सब ।।1।।
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कोई मैली अपना चादर करता
कोई चादर को बचाये रखता
जो नर जैसा करम है करता
उसको वैसा फल यहाँ मिलता
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चंद दिनों का मेहमान यहाँ सब ।।2।।
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जब जाना है वहाँ खाली हाथ
तो क्यूँ भरता नर तु अपनी हाथ
चंद दिनों का मेहमान यहाँ सब
फिर जाना है सबको उसके दर ।।3।।
जय श्री सीताराम ।।
चंद दिनों का मेहमान यहाँ सब
फिर जाना है सबको उसके दर
आज किसी की बारी है,
___________ इस संसार में कोई हमेशा के लिए नहीं आता है जीवन की इस इसी सच्चाई को व्यक्त करती हुई कवि विकास जी की उम्दा रचना
वाह