जन्मदात्री “मां”
मां मेरी इल्तजा, मां मेरी प्रार्थना,
मां की ममता का मोल चुका पाऊं ना,
मां वेद भी है,मां पुराण भी है,
मां है ईसा की बाइबिल,मां मोहम्मद की कुरान है,
मां का प्यार असीम है मां की ममता को तोल पाऊं ना,
मां की ममता का मोल चुका पाऊं ना,
मां क्षमा की प्रतिमा, मां दयालुता की मूरत,
भगवान ने एक मां को ही दी अपनी सूरत,
मां बनकर सूरज बच्चों के जीवन में उजाला करें,
छू भी पाए कहीं हमें अंधकार ना
मां ईश्वर की पवित्र रचना,मां को कभी कमजोर ना समझना,
मां होती है बच्चों की संरक्षिका,दिखलाती सदा सत मार्ग हमें बनकर हमारी मार्गदर्शिका,
ना बिन एक पल भी मैं जी पाऊं ना,
मां की ही लिखावट हूं मै,मां के बारे में कुछ भी लिख पाऊं ना,
—✍️एकता–
मातृ दिवस पर दिल को छू जाने वाली अभिव्यक्ति
बहुत ही प्यारी कविता
Great poem
बहुत खूब
मां मेरी इल्तजा है मां मेरी प्रार्थना बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां