हर किसी के बस का नहीं
हर एक इंसान के चेहरे को पढ़ लेना, हर किसी के बस की बात नहीं। निज स्वार्थ से ही फुर्सत नहीं मिलती, ठहर जाता मन…
हर एक इंसान के चेहरे को पढ़ लेना, हर किसी के बस की बात नहीं। निज स्वार्थ से ही फुर्सत नहीं मिलती, ठहर जाता मन…
विषय –जगन्नाथ रथयात्रा (*जय जय हो तेरी प्रभु जगन्नाथ सरकार*) हरि बोल के जयकारों से गूंज रहा सम्पूर्ण संसार बजते ढोल नगाड़े मंजीरा, जय जगन्नाथ…
विषय– पिता की छांव मां-पापा हैं मेरे जीवन की पतवार कैसे चुका पाएंगे हम अपने पापा के उपकार चलना सिखाया पापा ने मुझे गोद उठा…
विधा– नारा लेखन* 🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱 वसुधा को बनाएं फिर से रत्नगर्भा हम आओ फिर से वृक्ष लगाएं हम। 🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱 सिर्फ एक दिन ही वृक्ष लगाने से…
आप सभी को पृथ्वी दिवस की हार्दिक बधाई एवं अनन्त मंगल शुभकामनाएं 🙏🙏🌹🌹
अपना सनातन नूतन वर्ष है आया लेकर अनंत खुशियां अपार करिए अभिनन्दन नववर्ष का चहुंओर ले आएं प्रेम की बहार दो पल का जीवन है…
अबला बनकर रह लिया बहुत अब स्वयं सबला तुम्हें बनना होगा कभी पुत्री बहन मॉं पत्नी बन सखा निभाती फर्ज सभी हर फर्ज निभाया तुमने…
जन्म लिया जब बेटी ने खुशी थी घर में छाई, घर में आनन्द मगन सब घर की बगिया महकाई खेलकूद कर बड़ी हुई सुंदर सी…
किताबें और कलम होती हैं हमारी मार्गदर्शिका* हमारे जीवन में निभाती है महत्वपूर्ण भूमिका* ताउम्र हम सीखते हैं इनसे, ये हैं हमारी विरासत मानव विकास…
दो पल का है यह *स्वर्णिम जीवन* बाकी *सुख दुख* तो लगा रहेगा साथी नैतिकता* मानवता* सादगी* का गहना पहनकर सत्कर्म* करो मेरे साथी मत…
सिंहसवारी मां अष्टभुजाधारी पालनहारी–१ ममतामयी सौभाग्य प्रदायिनी भवमोचनी–२ वरदायिनी विमल मति देती पीडा़ हरती–३ जगजननी बारंबार प्रणाम है प्यारा धाम–४ करूं विनती मां झोलियां भरती…
मां पापा तो मेरे इस जीवन की पतवार नहीं चुका पाएंगे हम मां पापा के उपकार मां से पाया जीवन और मिले संस्कार पापा ने…
समय तो है निरंतर गतिमान आओ वक्त के साथ चलें । घंटों खड़े होकर आईने के सामने सूरत को ही क्यों सजाते रहते आओ अपनी…
जीवन के हर मोड़ पर नई चुनौतियां आती है कहीं दे जाती है हार हमें कहीं जीत दे जाती है । कहीं मिलती है समीक्षाएं…
रूठ जाते हैं जब कभी सब अपने जिंदगी परेशान करती है भटक जाते हैं जब राही अपनी मंजिल जिंदगी इम्तिहान लेती है बिखरते हैं जब…
प्रजापति दक्ष हो या हिरना कश्यप सा राजा विद्वान रावण हो या हो कौरव वंश का कुनबा इनके हनन का भी अहंकार ही बना संघारक…
थक जाते है ये मानव तन थके हारे है सबके मन सुलाती गोद में सबको रात तू सोती क्यों नहीं ? सितारे गगन में टिमटिमाते…
जरूरतमंद आए नजर तो न करें वहां से ‘पलायन’ करें मदद उसकी दें कुछ उसे ‘उपायन’ निज तन से करी मदद उसकी ना करें चहुंओर…
कहीं लाऊं मैं खुशियां कहीं खुशनुमा माहौल लाती हूं कभी लिखती हूं कविताएं कभी भजन गुनगुनाती हूं चहुंओर बरसे प्रेम, स्नेह ऐसी बहार लाती हूं…
साहित्य एक विधा है न कुछ दिनों की संविदा है लिखूं कुछ ऐसा जिसकी सबको प्रतिक्षा है कहीं मिले आलोचना कहीं मिले सुंदर समीक्षा है…
दिन पर दिन दिखा रही प्रकृति रौद्र रूप फिर भी हम कर रहे प्रकृति की अवहेलना अभी भी मानव ने नहीं बंद किया प्रकृति से…
है कितना मूर्ख मानव ?? बैठा जिस डाल पर काट रहा वही डाल है यदि कोई गरीब उसे समझाएं उस गरीब की उधेड़ देता खाल…
दो वक्त की रोटी भी ना दे सके वो बच्चे “उनको” (बूढे मां-बाप ) जिनके खातिर ‘खुद’ का जीवन लगा दिया कमाने में उस घर…
मानवता का मत हनन करो ईर्ष्या द्वेष नफरत को अब दफन करो ना जाने कब रुक जाएं यें सांसे ? अब तो अच्छे कर्म करो…
नेताओं के बेटे क्यूं नहीं बनते सिपाही ? माना की राजनीति उन्होंने विरासत में पाई युवा नेता खुद को बताकर करते रहते तानाशाही यदि शहीद…
आई है जब से महामारी ये मितवा हर तरफ का मंजर दुखदाई है मितवा न हर्षित मन न पुलकित तन गुनगुनाया जाये न कोई गीतवा…
अब मिठास बची कहां ना रिश्तो में ना नातों में ना अपनों की बातों में कड़वाहट के बीज बोयें जा रहे ना जाने कहां-कहां ?…
यह मन बड़ा चंचल कभी डोलता इधर कभी डोलता उधर ना जाने कब हो जाए किधर कभी दूजे की कभी अपनी फिकर मन में चलता…
आप सभी को विश्व दूरसंचार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
जुल्म सितम बढ़ रहा था हर तरफ मै हुयी बिल्कुल अकेली ना कोई पास मेरे ना कोई साथ मेरे किससे करूं हंसी ठिठोली तभी नजर…
सावन परिवार के सभी सदस्यों को विश्व परिवार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।। ना पड़े रिश्तो में कोई दरारें अब न टूटे न बिखरे कोई परिवार…
कविता का संपूर्ण सार उद्देश्य-कविता के माध्यम से बच्चों को संस्कृति का ज्ञान कराना
इक्कीसवीं सदी के बच्चे हैं अपनी संस्कृति से अंजान, रामचरितमानस हो या हो भगवत गीता,इनका तनिक भी नहीं ज्ञान, पूछा कुछ बच्चों से….. कौन था…
हे ईश्वर हम सब तेरी ही संतान करती हूं प्रार्थना इतनी सी, प्रभु दे दो वरदान मत छीनो हम बच्चों से मां पापा के साए…
सगे संबंधियों को भी बुलाते हैं केक काटने से पहले मोमबत्ती भी बुझाते हैं पर यह क्या ?? जिस कुलदीपक और घर की लक्ष्मी की…
बेटी को घर की लक्ष्मी और बेटे को घर का कुलदीपक बुलाते हैं, आए जब भी बेटी और बेटे का जन्म दिवस, बड़ी धूमधाम से…
रास्ते से एक विछिप्त महिला थी गुजर रही, याकायक मेरी नजर पड़ी, चली जा रही थी अपनी धुन में, ना जाने क्या थी बड़बड़ा रही,…
एक ही घर में चार चूल्हे रख लिए, मां को निकाल बाहर करो,करो नई गृहस्थी की शुरुआत, जिस मां की उंगली थाम दुनिया देखी, उस…
वाह भाई क्या बात है, पर समझ ना पाया आदमी की क्या औकात है, सुबह से मना रहे मातृ दिवस,स्टेटस पर स्टेटस लगा रहे, व्हाट्सएप,…
मां मेरी इल्तजा, मां मेरी प्रार्थना, मां की ममता का मोल चुका पाऊं ना, मां वेद भी है,मां पुराण भी है, मां है ईसा की…
काव्य की शोभा बढ़ाने को सावन ने लिया नया अवतार, हमेशा नई ऊंचाइयां छूता रहे हमारा सावन परिवार, ह्र्दय से करती अभिनंदन,सबका व्यक्त करती आभार,…
कैसी यह जमाने की सोच हुई, जब कोख में बेटियां मारी जाती है, तो क्यों नवरात्रि में दिखावे के लिए, कन्या पूजी जाती है?? मां…
एक दिन मधुसूदन ने,पार्थ को था विचलित देखा, मन बड़ा व्याकुल और व्यथित देखा, पूछते मधुसूदन,पार्थ!कहो क्या है बात , बोले पार्थ, हे मधुसूदन,ऐसा बतला…
1 दिन मधुसूदन ने पाक को था विचलित देखा
हम क्यूं नहीं समझ पाते हैं मजदूरों की लाचारी को, उधारी का ठप्पा लगाकर ना देते पैसे मजदूरों की दिहाड़ी को, मजदूर दिवस मनाने को…
वक्त कब क्या रंग दिखाए हम नहीं जानते वक्त के दिए हुए जख्म कैसे मिटाएं हम नहीं जानते क्या पता था उस देवकी को, जिस…
जब नई सरकार बनानी हो , तो चलता महागठबंधन का चक्र है, जब है महामारी अपने चरम पर पर बरसाती हर तरफ कहर है, फिर…
आओ अपने भारत का भ्रमण कर ले, बिसरी हुई नृत्यकला फिर से चित्रण कर ले, दक्षिण भारत की नृत्य शैली है भरतनाट्यम, अपने केरल की…
नृत्य कला तो ईश्वर की कृपा से मिला हुआ वरदान है, पर नृत्य को “नाच” कहकर संबोधित करना यह नृत्य कला का अपमान है। नृत्य…
दिन पर दिन कर रहे व्यभिचार क्यों बढ़ा रहे हौं तुम ऐब, खुद बीड़ी सिगरेट गुटखा खाए तम्बाकू पिये दारू, बच्चा खाए ना पावे एको…
Please confirm you want to block this member.
You will no longer be able to:
Please note: This action will also remove this member from your connections and send a report to the site admin. Please allow a few minutes for this process to complete.