Categories: शेर-ओ-शायरी
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किरदार कितने है हर कोई पहनता एक वेशभूषा एक नए वार्ता के साथ नई जिम्मेदारियां हर रोज़ पर अब भी सवाल इतने है की किरदार…
किरदार
खुद की भावनाओं से रिश्ता टूटता रहा, एक नया किरदार अंदर ही अंदर बनता रहा। रिश्तों से रिश्तों तक का सफर तय होता रहा, एक…
सच में सब कुछ बदल गया
सच में सब कुछ बदल गया इंसान का जुबान बदल गया राजाओ की कहानी बदल गया अल्हड़ मदमस्त जवानी बदल गया यारो की यारी बदल…
#_मेरा_वाड्रफनगर_शहर_अब_बदल_चला_है
#_मेरा_वाड्रफनगर_शहर_अब_बदल_चला_है _______**********************__________ कुछ अजीब सा माहौल हो चला है, मेरा “वाड्रफनगर” अब बदल चला है…. ढूंढता हूँ उन परिंदों को,जो बैठते थे कभी घरों के…
साध्य और साधन
शोषक और शोषित दो समांतर रेखाओं की तरह हैं जिनका कभी मिलन नहीं होता इसलिए शोषण का कभी अंत नहीं होता शोषक चाहे अफ्रीका का…
Nice
वाह क्या बात है
🤟
चंद पंक्तियों में बड़ी बात कही है, अति सुंदर
👏👏
Tks to all👍
वेलकम
Good