बसंत पंचमी
माघ मास का दिन पंचम, खेतों में सरसों फूल चमके सोने सम। गेहूं की खिली हैं बालियां, फूलों पर छाई बहार है, मंडराने लगी है तितलियां। बहार बसंत की आई है, सुखद संदेशे लाई है। चिड़िया भी चहक रही हैं, हर कली अब महक रही है गुलाबी सी धूप है आई, कोहरे ने ले ली विदाई। पीली-पीली सरसों आने लगी, पीली चुनरी मुझको भाने लगी। नई-नई फसलें आती है, बागों में कोयल गाती है। भंवरे ने संगीत सुनाया है, फूल कहे मैं हूं यहां,... »