उड़ान

टुकड़ों पर आपके तो पल नहीं रहे हैं, नज़र घुमाकर देखिए आपके साथ चल रहे हैं। आपसे भी ऊँची उड़ान भरने की हिम्मत रखते हैं,…

और फिर…

और फिर आख़िर में, सब हुआ इक़रार से, इज़हार तक तकलीफ़ से, तवज्जो तक रहीम से, मीरा तक; ……. पिछले दिन कारनेस में से वो…

और फिर

और फिर आख़िर में, सब हुआ इक़रार से, इज़हार तक तकलीफ़ से, तवज्जो तक रहीम से, मीरा तक; ……. पिछले दिन कारनेस में से वो…

मिट्टी की कला

शांति की घूंघट ओढ़, पहिया घूमे, मिट्टी की मूर्ति सजे, दिल रोम-रोमे। हाथों का नृत्य, सौम्यता से सजा, प्रेम का मार्गदर्शन, रचना की अपार। मिट्टी…

मिट्टी की कला

शांति की घूंघट ओढ़, पहिया घूमे, मिट्टी की मूर्ति सजे, दिल रोम-रोमे। हाथों का नृत्य, सौम्यता से सजा, प्रेम का मार्गदर्शन, रचना की अपार। मिट्टी…

यादें।

।यादें। मेरी रग रग मे आप बसे हो आप ही का साया हूँ मैं। कैसे जी लू आप के सहारे के बिन जब आप ही…

Papa

वो मन की बात बिन कहे जान जाते है, बिन कुछ कहे आँखों से सब पहचान जाते हैं। आसु की वजह खुशी है या गम,…

Papa

इस दुनिया में जहां सब मतलब से साथ चलते हैं, वहीं मैंने मेरी गलतियों पर भी सब से पहले साथ खड़ा उन्हें पाया है।

बेटी

जिंदगी मशरूफ है दर्द देने में, बेटी मजबूर हैं दर्द सहने में। तड़पी वह बेचारी पिता का प्यार पाने के लिए, था मगर दिल पत्थर…

द्रौपदी

यज्ञ से जन्मी,यज्ञसेनी हूं में, अरे मुझे तू क्या छूएगा, एक ही श्राप से यह सभा भस्म करदूं, ऐसा परिणामम सह पाएगा? मौन खड़े हैँ…

प्रेम

उनसे मिलना कुछ वैसा भी खास ना था वो तो शायद देख रहे थे मुझे किसी खिड़की से मैं तो सिर झुकाये बैठा था किसी…

Aaina

वह आईना मुझसे कितना कुछ कहता हैं, रोज़ सवेरे वह मेरे दिदार को तरसता हैं। मुस्कुराऊँ जो मैं उसे देखकर, वह फिर मुस्कुराता है। सवारु…

MUSAFIR

गरीब था मुसाफिर पर अनजान नहीं था भूख थी पेट में पर सहता गया भटकता भटकता वहाँ गया जहाँ मुसाफिर को मुसाफिर मिले पर वहाँ…

लाल 🩸

रंग ‘लाल’ का एहसास तेरे ‘लाल’ को है क्यूँ नहीं… बनता मज़ाक़ मेरा ही क्यूँ , क्या घर में रहती तू नहीं… ना मंदिर मस्जिद…

स्वार्थ

खुद से दूर हर गम्माज किए देती हूं , जिंदगी जेल है अल्फाज दिए देती हूं , यहां बेजुर्म हो गुज़ारा कौन कर सकता ,…

महामानव

महामानव जब जब अंधेरा छाता है, कोई बन प्रकाश तब आता है, जिसके आने से सभी दिशाएं करती उसे प्रणाम हैं, वो मानव रूपी राम…

महामानव

महामानव जब जब अंधेरा छाता है, कोई बन प्रकाश तब आता है, जिसके आने से सभी दिशाएं करती उसे प्रणाम हैं, वो मानव रूपी राम…

कलम

ऐ कलम ! आज तू बड़े दिन बाद फिर हाथ आयी है, कई दिनों बाद फिर से तेरी ये स्याही इन हाथों में इतराई है।…

ऐसा कोई

जो मेरी आज़माइश नहीं, मेरी ख्वाइश पूरी करें, ऐसे किसी की चाहत है मुझे। जो मेरा साथ नहीं, बस मेरा थोड़ा वक्त मांगे, ऐसे किसी…

कविता

कविता… क्या होती है कविता? मन की भावनाओंका का दर्पण होती है अल्फाजोंका समर्पण होती है कभी हसाती, कभी रुलाती है कविता… जो दिल को…

ये खुशियां

दिलों में गूंजती हैं ये होठों पर झूमती हैं ये सांसों में लहराती जाय ये खुशियां जब ज़िन्दगी में आए कदमों से धुन बनाती हैं…

इल्तिजा

उसे कहो के वो मुझे ऐसे देखा ना करे होश उदया ना करे और सबर चीना ना करे में पहले से ही उसका दीवाना बन…

झाँसी की रानी

थर-थर कॉंप उठी थी धरती, रूह थम गई थी अंग्रेजों की। ऐसी थी वो रानी लक्ष्मी, अपनी झाॅंसी के वीरों की। जन्मी जब प्रकृति ने…

घर

“घर” मन की बातें साझा करने, आज कलम फिर चहक उठी। कागज़ ले जब लिखने बैठी, घर की यादें फिर महक उठीं। हर चोट बड़ी…

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