Alok Kumar
मेरा खामोश घर
July 8, 2020 in मुक्तक
दीवारों के भी कान होते है,
लोग कहते हैं
लेकिन मेरी चीखें क्यों सुन नहीं पाता है
मेरा खामोश घर
आज कहूँ
June 7, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ
आज कहूँ ?
क्या यह सही नहीं की औरों की सुनता मैं मौन रहूँ ?