Antariksha Saha
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Geeta kumari wrote a new post, बच्चों में हैं भगवान 8 hours, 21 minutes ago
जब बच्चों में हैं भगवान,
फिर क्यों मम्मी पापा खींचे कान
क्योंकि कभी-कभी भगवान,
शैतानी करने लगते हैं,
बन करके नादान
शोर मचाते हैं दिनभर,
चुप हो जाएं तो है इनका एहसान
अपनी मन मर्जी स […] -
Geeta kumari wrote a new post, *टीका ज़िन्दगी का* 8 hours, 30 minutes ago
देश में कोरोना से निपटने के टीके आ गए,
बेफिक्र हो इनको लगवाया जाए।
यह है इतिहास का सबसे वृहद अभियान,
इसने भारत के सामर्थ्य को दिलवाया सम्मान।
दिलवाया सम्मान, सभी देश तारीफ़ कर रहे,
आप भी लगवा लेना ये टीका, ल […] -
Satish Pandey wrote a new post, वाणी में मधुरिमा चाहिए 10 hours, 53 minutes ago
नजरों में मुहब्बत और
वाणी में मधुरिमा चाहिए
इंसान ने इंसानियत को
साथ रखना चाहिए।
साँस ईश्वर की अमानत है
समझना चाहिए,
साँस रहने तक उसे
नेकी निभानी चाहिए।
दूसरे की साँस में अवरोध
बिल्कुल भ […] -
Satish Pandey wrote a new post, निराशा दूर करो (कुंडलिया छन्द) 12 hours, 37 minutes ago
अगर निराशा है कहीं, दूर करो तत्काल,
मन में अपने जोश को, सदा रखो संभाल।
सदा रखो संभाल, जोश में जोश न खोना,
आप हमेशा आग नहीं शीतलता बोना।
कहे लेखनी नहीं, निराशा में रहना तुम,
हिम्मत रखना दूर रहें […] -
Satish Pandey wrote a new post, निन्दारत रहना नहीं (कुंडलिया छन्द) 13 hours, 14 minutes ago
निन्दारत रहना नहीं, निंदा जहर समान,
निन्दारत इंसान का, कौन करे सम्मान।
कौन करे सम्मान, सभी दूरी रखते हैं,
निन्दारत को देख, सब मन में हंसते हैं।
कहे लेखनी छोड़, मनुज निंदा की बातें,
अपने में रह मगन, न […] -
Satish Pandey wrote a new post, बेकारी (कुंडलिया छन्द) 14 hours, 18 minutes ago
बेकारी पर आप कुछ, नया करो सरकार,
युवाजनों को आज है, राहत की दरकार।
राहत की दरकार, उन्हें, वे चिंता में हैं,
पायेंगे या नहीं नौकरी शंका में हैं।
कहे ‘लेखनी’ दूर, करो उनकी आशंका,
आज बजा दो आप, जोश का को […] -
Satish Pandey wrote a new post, दिल दुखाओ मत किसी का 1 day ago
ठिठोली करो तुम खूब
लेकिन दिल दुखाओ मत किसी का,
जोर से गाओ मगर
मत चैन लूटो तुम किसी का।
किसी बीमार की जब रात को
आँखें लगी हों मुश्किलों से
जोर से डीजे बजाकर
मत बनो जरिया दुःखों का।
जब कभी कोई व्यथित हो
द […] -
Satish Pandey wrote a new post, कुछ नहीं साथ जाता 1 day ago
सदा को कौन रहता है
यहां इस जमीं में
समय करके पूरा
चले जाते सब हैं।
तेरा व मेरा सभी
कुछ यहीं पर
रह जाता है
कुछ नहीं साथ जाता।
न आने का मालूम
न जाने का मालूम
बीच के ही सपनों में
होता है मन गु […]-
अतिसुंदर भाव
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लाजवाब
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सौ फीसदी स
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“न आने का मालूम न जाने का मालूम
बीच के ही सपनों में होता है मन गुम।
खुली नींद सपना जैसे ही टूटा
वैसे ही डोरों से नाता छूटा।”
जीवन के एक अलग ही दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती हुई कवि सतीश जी की बेहद गंभीर रचना, जो कुछ सोचने को मजबूर कर देती है।
बहुत लाजवाब अभिव्यक्ति, उत्तम लेखन
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Geeta kumari wrote a new post, *धूप हवा और चाँदनी* 1 day, 5 hours ago
मेरे घर के सामने वाले पड़ोसी ने,
अपने घर की इमारत ऊंची उठाई।
घर उनका है मैं कुछ कह भी ना पाई,
पर मेरे आंगन की धूप हवा और
चांदनी ने मुझसे शिकायत लगाई,
फ़िर मैंने बोला उनको,
मत करो इमारत की इतनी लंबी परछाई […] -
Geeta kumari wrote a new post, थल सेना दिवस 1 day, 6 hours ago
15 जनवरी को हम थल सेना दिवस मनाएं,
73वें थल सेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
तिरंगे की शान हैं सैनिक,
भारत का मान हैं सैनिक,
पूरी रात जो जागे सीमा पर,
उसी का नाम है सैनिक।
रात होते ही हम, सुकून से सो जात […] -
Pt, vinay shastri 'vinaychand' wrote a new post, थल सेना दिवस पर देशक सिपाही केर सम्मान में मिथिला केर भाव 1 day, 9 hours ago
हमर देशक सिपाही हमर शान छै।
देशक रक्षा में जिनकर प्राण छै।।
नञ भोजन केॅ कोनो फिकीर छै।
नञ छाजन केॅ कोनो फिकीर छै।।
जाड़ गरमी तऽ एकहि समान छै।
हमर देशक सिपाही हमर शान छै।। देशक रक्षा में…. […] -
Geeta kumari wrote a new post, मजबूरी 1 day, 13 hours ago
फेंक रहे थे जब तुम खाना,
मैं भोजन की आस में थी।
रोटी संग सब्जी जी भी है क्या,
मैं वहीं पास में थी।
तुमने शायद देखा ना होगा,
मैं काले मैले लिबास में थी।
तुम तो बैठे थे कार में अपनी,
मैं वहीं अंधकार […] -
Satish Pandey wrote a new post, कुछ बोलना होगा 2 days ago
समस्याएं बहुत हैं
आपको मुँह खोलना होगा
जरा बिंदास होकर
आज तो कुछ बोलना होगा।
गरीबी मिटाने के लगे
जितने भी नारे हैं,
उनको हकीकत में
हमें अब तोलना होगा।
बेरोजगारी से युवा
हैं दर् […] -
Satish Pandey wrote a new post, आज कुछ गा लूँ मैं 2 days, 12 hours ago
आज कुछ गा लूँ मैं
तुम्हें सुना लूँ मैं,
गीत ही गीत में भुला कर के
दिल में अपने बसा लूँ मैं।
मिटा दूँ सब की सब
गलतफहमी,
सच्चा गायक हूँ
यह बता दूँ मैं,
पूरा लायक हूँ
यह दिखा दूँ मैं
निकाल कर
पलों की […] -
Geeta kumari wrote a new post, मकर संक्रान्ति की बधाई 2 days, 13 hours ago
धीमी-धीमी धूप संग में,
मीठी-मीठी खुशियां लाई।
तिल, गज्जक की खुशबू लेकर,
सर्दी में संक्रान्ति आई।
मकर संक्रान्ति मनाना है,
गंगा जी में नहाना है
गंगा जी ना जा पाओ तो,
घर में जरूर नहाना है,
सर्दी है तो हुआ […]-
धीमी-धीमी धूप संग में,
मीठी-मीठी खुशियां लाई।
तिल, गज्जक की खुशबू लेकर,
सर्दी में संक्रान्ति आई।
— मकर सक्रांति पर कवि गीता जी की बहुत सुंदर और बेहतरीन रचना है यह। बहुत खूब। -
कविता की सुंदर समीक्षा हेतु आपका हार्दिक आभार सतीश जी , बहुत-बहुत धन्यवाद।
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बहुत खूब बहिन
मगर चूरा दही तो भूल गई
मकर संक्रांति संग खिचड़ी की बहुत बहुत बधाईयाँ-
सादर धन्यवाद भाई जी 🙏
मकर सक्रांति की बहुत-बहुत बधाई
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Satish Pandey wrote a new post, चलो पतंग उड़ाएं 2 days, 14 hours ago
चलो पतंग उड़ाएं
लूट लें, काट लें पतंग उनकी
सभी रंगीनियां अपनी बनायें
चलो पतंग उड़ाएं
चलो पतंग उड़ाएं।
उनके चेहरे की
खुशियों को चुराकर
चलो आनंद मनायें
चलो पतंग उड़ाएं।
कटी पतंग दूसरे की
जिस दिशा म […] -
Shyam Kunvar Bharti wrote a new post, कविता -मकर संक्रांति चलो मनाए | 2 days, 22 hours ago
कविता -मकर संक्रांति चलो मनाए |
मकर संक्रांति आई पतंग चलो उड़ाए |
उड़े ऊंचाई जैसे सोच पेंच चलो लड़ाये |
डोर पतंग की थाम खूब तुम रखना |
कट न जाये उम्मीदे डोर चलो बचाए |
उड़ने दो अरमानो को उंची पतंग जैसे |
गिर ना […] -
Satish Pandey wrote a new post, आपको नींद आ गई आधी 2 days, 23 hours ago
आपको नींद आ गई आधी
और हम गीत लिख रहे हैं अब
क्या करें यह कलम भी चंचल है
जागती तब है, सो गए जब सब।
स्वप्न में भी मनुष्य की पीड़ा
भाव को शिल्प को जगाती है
तन अगर चाहता है सोना भी
ये कलम खुद ब खुद लिखाती है। […] -
Satish Pandey wrote a new post, इस सड़क पर लिखी कहानी है 3 days ago
राग कहाँ रागिनी कहाँ मेरी
इस सड़क पर लिखी कहानी है,
दो घड़ी आप भी खड़े होकर
देख लो क्या है मेरी कहानी है।
लोहड़ी क्या, कई त्यौहार आये
आपने खीर पुए खूब खाये
मगर मुझे तो बस सुगन्ध आई
वो भी जब यह हवा बह […] -
Satish Pandey wrote a new post, मदद की तरफ बढ़ना है 3 days ago
ठोस के साथ हमें
कुछ उदार रहना है
अपनी आदत में हमें
अब सुधार करना है।
स्वहित के साथ हमें
दूसरों के हित में भी
थोड़ा रुझान रखना है
मदद की तरफ बढ़ना है।
जिन्हें जरूरत है
उन्हें मदद करने
डगर उनकी सरल […] - Load More
अतिसुंदर भाव
बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी 🙏
बहुत सुंदर
बहुत-बहुत धन्यवाद पीयूष जी
अति सुंदर अभिव्यक्ति
हाथ जुड़वा कर ही दम लेते,
ये तो हैं सचमुच भगवान।।
— बहुत उम्दा प्रस्तुति