क्यों तुम मेरा पता पूछते हो

August 16, 2019 in शेर-ओ-शायरी

नहीं है कोई खबर मुझे खुद की
क्यों तुम मेरा पता पूछते हो

खुद को खामोश ही पाती हूं मैं

August 16, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुझसे कहां कुछ कह पाती हूं मैं
जब भी तुम होते हो सामने
खुद को खामोश ही पाती हूं मैं

अधूरा

October 6, 2018 in शेर-ओ-शायरी

हमेशा किसी की तलाश रहती है मुझे
लगता है जो कुछ है वो अधूरा है
अल्फ़ाजों में कहां समाता है
जो जहन में गूंजता है वो ही पूरा है

कितने चेहरे

September 25, 2018 in शेर-ओ-शायरी

कितने चेहरे सामने आते जाते है हर रोज
फिर क्यों कोई इक चेहरा दिल में अटक जाता है

फीकी जिंदगी

September 19, 2018 in शेर-ओ-शायरी

कौन सा रंग भरू,
किस रंग से उकेरू मैं जिंदगी की तस्वीर
फीकी जिंदगी को र्ंग नही जचते|

बारिश

September 3, 2018 in शेर-ओ-शायरी

बारिश भी कहीं भी कभी भी हो जाती है
सूखे मन को नम कर से ऐसा कोई नहीं

परवाह करे कोई

June 16, 2018 in शेर-ओ-शायरी

परवाह करे कोई, किसी को हमारा भी ख्याल हो
किसी की जुबां पे कभी हमारा भी सवाल हो

Kisi ko shikayat he,

October 9, 2016 in शेर-ओ-शायरी

Kisi ko shikayat he,

kisi ko gila he

Hum magar beparvaah he,

Nahi matlab agar koi jala he

 

नीलम

September 4, 2016 in शेर-ओ-शायरी

नीले आसमान में कहीं अपना नाम लिख दूं
ख्वाहिश है हर चीज को नीलम कर दूं
वक्त कभी हमारा भी आयेगा ऐ दोस्त
दुनिया मे में मैं अपना रंग भर दूं

कुछ रिश्ते खास होते है

August 21, 2016 in शेर-ओ-शायरी

कुछ रिश्ते खास होते है
दूर होते है, फिर भी पास होते है
कैसे करे बयां, इन अहसासो को
लफ़्ज कहां इतने खास होते है

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