Neha
जो मस्ुकराई थी कल
June 18, 2023 in Poetry on Picture Contest
वो जो मस्ुकराई थी कल यहाँ,
आज कुछ खामोश सी है।
वो जो लड़की बठै ी हैवहाँ,बड़ी प्यारी सी है।
रूप सादा ,लि बाज़ सादा ,
जि सकी ऑखं थोड़ी सी अभी भी नीची है।
बड़ी रुहानी सी है,
ना हर्फ़ , ना वाक्या , ना क़ि स्सा ,
वो एक अफ़साना ,एक कहानी सी है।
वो जो लड़की बठै ी हैना वहाँ,बड़ी प्यारी सी है।
मैं रहूँ या ना रहूँ
June 18, 2023 in Poetry on Picture Contest
मैं रहूँ या ना रहूँ मेरे नाम रह जाए
धन भले ही ज्यादा न हो पर
मान -सम्मान जग -जग में हो
तकलीफ भले ही मिले
पर जीत का इरादा पक्का हो