Prabhat Pandey
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Prabhat Pandey commented on the post, भ्रम 1 week ago
Bahut gaharai hai Bhai sahab ish rachana main, ati sundar
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Prabhat Pandey commented on the post, वह एक मज़दूर है 1 week ago
Bahut hi khubsurat Rachana, mujhe bahut acchi lagi
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Prabhat Pandey commented on the post, कविता : समय का पहिया 1 week ago
Thanks sir
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Prabhat Pandey commented on the post, कविता : समय का पहिया 1 week ago
Thanks ma’am
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Prabhat Pandey wrote a new post, कविता : समय का पहिया 1 week ago
मानो तो मोती ,अनमोल है समय
नहीं तो मिट्टी के मोल है समय
कभी पाषाण सी कठोरता सा है समय
कभी एकान्त नीरसता सा है समय
समय किसी को नहीं छोड़ता
किसी के आंसुओं से नहीं पिघलता
समय का पहिया चलता है
चरैवेति […] -
Prabhat Pandey commented on the post, कविता : सम्मान तिरंगा (२६ जनवरी विशेष ) 1 month, 1 week ago
Thanks sir
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Prabhat Pandey commented on the post, कविता : सम्मान तिरंगा (२६ जनवरी विशेष ) 1 month, 1 week ago
Thanks sir
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Prabhat Pandey wrote a new post, कविता : सम्मान तिरंगा (२६ जनवरी विशेष ) 1 month, 1 week ago
यह तिरंगा तो ,हमारी आन बान है
यह दुनिया में रखता ,अजब शान है
यह राष्ट्र का ईमान है ,गर्व और सम्मान है
स्वतन्त्रता और अस्मिता की ,यह एक पहचान है
क्रान्तिकारियों की गर्जन हुंकार है
विभिन्नत […]
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Prabhat Pandey wrote a new post, कविता : हौसला 1 month, 1 week ago
हौसला निशीथ में व्योम का विस्तार है
हौसला विहान में बाल रवि का भास है
नाउम्मीदी में है हौसला खिलती हुई एक कली
हौसला ही है कुसमय में सुसमय की इकफली
हौसला ही है श्रृंगार जीवन का
हौसला ही भगवान है
हौसले […] -
Prabhat Pandey commented on the post, अच्छे से कट जाये। 1 month, 3 weeks ago
Bahut sundar sir, khubsurat rachana
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Prabhat Pandey commented on the post, टिम टिम करते लाखों तारे 1 month, 3 weeks ago
Bahut sundar rachana
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Prabhat Pandey commented on the post, दिल में बैठाया करता हूँ 1 month, 3 weeks ago
Bahut sundar rachana
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Prabhat Pandey commented on the post, कविता : इन्सान नहीं मिल पाया है 1 month, 3 weeks ago
Thanks sir, happy new year
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Prabhat Pandey commented on the post, कविता : इन्सान नहीं मिल पाया है 1 month, 3 weeks ago
Thanks sir, happy new year
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Prabhat Pandey commented on the post, कविता : इन्सान नहीं मिल पाया है 1 month, 3 weeks ago
Thanks ma’am, happy new year
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Prabhat Pandey wrote a new post, कविता : इन्सान नहीं मिल पाया है 1 month, 3 weeks ago
हर मन्दिर को पूजा हमने
भगवान नहीँ मिल पाया है
इस भूल भुलैया सी दुनिया में
इन्सान नहीं मिल पाया है ||
हर व्यक्ति स्वार्थ में डूब रहा
मन डूब गया भौतिकता में
संवेदनाओं का क़त्ल […]
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आजकल के माहौल के अनुसार बहुत ही सटीक चित्रण किया गया है कविता में । इंसान है पर इंसानियत नहीं रही, बहुत सुंदर रचना
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Thanks ma’am, happy new year
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बहुत सुंदर 👌👌👌👌
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Thanks sir, happy new year
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नव वर्ष की बधाई हो 🌹
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बहुत खूब
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Thanks sir, happy new year
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“इन तथाकथित इन्सानों में
इन्सान नहीं मिल पाया है
हर मन्दिर को पूजा हमने
भगवान नहीँ मिल पाया है।’
————– आपकी यह कविता बहुत उच्चस्तरीय है प्रभात सर। सच्चाई को मौन रहकर नहीं बल्कि मुखर होकर ही सामने लाया जा सकता है। कविता की विशेषता यह है कि कवि की दृष्टि इंसान के व्यवहारिक पक्ष की उन छोटी से छोटी बातों पर गई है, जिसे लोग सामान्यतया नजरअंदाज कर जाते हैं। आज इंसान इंसान के बीच से संवेदनाएँ गायब होती जा रही हैं। जिसका आपने सुन्दर चित्रण किया है।
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Prabhat Pandey wrote a new post, आओ सब मिलकर नव वर्ष मनाएं… 2 months ago
सुखद हो जीवन हम सबका
क्लेश पीड़ा दूर हो जाए
स्वप्न हों साकार सभी के
हर्ष से भरपूर हो जाएं
मिलन के सुरों से बजे बांसुरी
ये धरती हरी भरी हो जाए
हों प्रेम से रंजीत सभी
ऐसा कुछ कर […]
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Prabhat Pandey wrote a new post, कविता : मोहब्बत 2 months, 2 weeks ago
नदी की बहती धारा है मोहब्बत
सुदूर आकाश का ,एक सितारा है मोहब्बत
सागर की गहराई सी है मोहब्बत
निर्जन वनों की तन्हाई सी है मोहब्बत
ख्वाहिशों की महफिलों का ,ठहरा पल है मोहब्बत
शाख पर अरमानों के गुल है मोह […] -
Prabhat Pandey wrote a new post, कविता : यह कैसा धुआँ है 2 months, 3 weeks ago
लरजती लौ चरागों की
यही संदेश देती है
अर्पण चाहत बन जाये
तो मन अभिलाषी होता है
बदलते चेहरे की फितरत से
क्यों हैरान है कैमरा
जग में कोई नहीं ऐसा
जो न गुमराह होता है
भरोसा उगता ढलता है
हर एक […] -
Prabhat Pandey commented on the post, कविता : जिस प्यार पे हमको बड़ा नाज था … 2 months, 3 weeks ago
Thanks ma’am
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समय की महत्ता पर प्रकाश डालती हुई बहुत सुन्दर रचना
Thanks ma’am
वाह
समय बहुत बलवान है
Thanks sir
अतिसुंदर भाव
समय का पहिया चलता है
चरैवेति क्रम कहता है
मानवता को तज कर मानव
खोटे सिक्कों में बिक जाता है ||
—– अति सुन्दर पंक्तियां, बहुत सुंदर प्रस्तुति