Priyanka
“तारीख”
December 26, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
“तारीख”
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“तारीख”…!!
हाँ.! वही तारीख़…वही माह…!
बस वर्ष बदल गया…
तुम्हारी तरह !
तारीख़ रह गया…मेरी तरह !
नहीं बदल पाया वो…
इस गतिमान समय चक्र के साथ…
रह गया पीछे…तन्हा और भ्रमित…
देखता रहा कालचक्र की तीव्रता को
उसके साथ बढ़ते तुम्हारे वेग को…
अस्थिर और निष्ठुर तुम्हारे अस्तित्व को…
हो गये तुम आँखों से ओझल…
अब रह गया सिर्फ़
उसका अस्तित्व…
ठहरा…शान्त…और स्थिर
मजबूत पूरी तरह से..
एक नया इतिहास रचने को तैयार
हर बार….
तारीख !
एक निश्चित तारीख़ ! एक निश्चित पहचान !
दिग्भ्रमित घूमता कालचक्र और
इतिहास रचती तारीख़ !!
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प्रियंका सोनी ✍️