सपना

June 19, 2023 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज कुछ अलग रंग हैं,
आज बदले से कुछ मेरे ढंग हैं।
अलग सा है आज मेरा अंदाज़
जाने क्या है उसका राज़?
आज मेरी आंखों में एक चमक सी है,
आज इस दिल में एक नई धड़क सी है।
आज लग रहा सब कुछ अपना है,
क्योंकि आज इस मन में देखा एक सपना है।
आप कहोगे कि यह सपना भी हमेशा की तरह टूट जाएगा,
इसे पूरा करने का सपना भी सपना ही रह जाएगा।
पर नहीं, इस बार यह सपना आंखों नहीं, इस मन ने देखा है।
वो मन जो किसी की मानता नहीं
वो मन जो कोई सीमा जनता नहीं।
बना है मुझे भी काबिल
करना है मुझे भी सब हासिल।
ये मैं नहीं, मेरा सपना कहता है
जो अब से मेरे दिल में ही रहता है।

सपना

June 19, 2023 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज कुछ अलग रंग हैं,
आज बदले से कुछ मेरे ढंग हैं।
अलग सा है आज मेरा अंदाज़ ,
जाने क्या है उसका राज़?
आज मेरी आंखों में एक चमक सी है,
आज इस दिल में एक नई धड़क सी है।
आज लग रहा सब कुछ अपना है,
क्योंकि आज इस मन में देखा एक सपना है।
आप कहोगे कि यह सपना भी हमेशा की तरह टूट जाएगा,
इसे पूरा करने का सपना भी सपना ही रह जाएगा।
पर नहीं, इस बार यह सपना आंखों नहीं, इस मन ने देखा है।
वो मन जो किसी की मानता नहीं
वो मन जो कोई सीमा जनता नहीं।
बना है मुझे भी काबिल
करना है मुझे भी सब हासिल।
ये मैं नहीं, मेरा सपना कहता है
जो अब से मेरे दिल में ही रहता है।

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