एक उड़ान अभी बाकी है

December 27, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

जानते तो हैं लोग मुझे, पहचान अभी बाकी है !
चल रहा हूँ बड़ी देर से, पर एक उड़ान अभी बाकी है

कुछ मंजिले अभी दूर हैं, कुछ रास्ते अभी बाकी हैं
जो राह में आते पत्थर हैं, वो भी तो अपने साथी हैं

जब ज्ञात है कि मंजिल पास नहीं, फिर क्यों क्षण भर की आस नहीं
जो तूफ़ान है, वो थम जाएगा, वक़्त मेरा भी आएगा

चलता हूँ अपनी राह मैं, कुछ पाता कभी – कुछ खोता कभी
आँखोँ मे नित-नए स्वपन लिए, हँसता कभी – रोता कभी

जब भटक ही रहा है जग सभी, तो क्यों भला मैं निराश होऊं
अपनी पथ-भ्रमता के कारण, क्यों भला मैं उदास होऊं

माना कुछ शब्द है जो अनकहे से हैं और कुछ लब्ज़ है जो अनसुने से हैं
विजय गाथा की कुछ पंक्तियाँ, स्याही मै बदलना बाकी है

अब जान गया हूँ मैं यही कि मंजिल ही मेरी साथी हैं
कहता हूँ मैं फिर वही, कि एक उड़ान अभी बाकी हैं

पत्नी का जन्मदिन

August 1, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

आज तुम्हारे जन्मदिन पर, देते हैं तुम्हे बधाई।
बस अब ये मत कहना कि कौन सी सब्जी मंगाई?

सच पूछो तो किसी रेस्टोरेन्ट का खाना हमको नही भाता है,
तुम्हारे बनाए खाने मे ही असली स्वाद आता हैं।

इससे बिल भी बचता है और दिल भी खुश हो जाता है।

ईश्वर करे के तुम ख़ुश रहो सदा और हमेशा मुस्कुराओ।
अच्छा और स्वादिष्ट खाना बनाकर हमे खिलाओ।

परिवार को तुमने संभाला है और घर को भी संजोया है।
कोई क्या जाने तुम कौन हो, बच्चों की Doremaon हो।

अन्त में मैं यही करता हूँ विश।
चुहिया से लेकर हाथी तक सब करें तुम्हे विश।

इस शुभ दिन के अवसर पर,
उन सभी स्वजनों का स्नेह मिले,
जिन्हें तुम करती हो मिस।

कोरोना तुझको जाना होगा!

June 13, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

ये कोरोना कहां से आया? इसने हमको खुब सताया।
कहीं भी आना जाना छुडवाया, बाहर का पीना-खाना छुडवाया।

यार – दोस्त सब हुए पराये, किसको कितना फोन लगाये ?
अकेले – अकेले बर्थडे मनाये, टीवी से कितना दिल बहलाए ?

स्कूल ग्राउण्ड की याद सताये,
नानी का आँगन हमें बुलाये।

अब हम तुझसे नहीं डरेंगे, अब हम ये सब नहीं सहेंगें ।
कोरोना तुझको जाना होगा, खुशियों को अब आना होगा ।

मास्क हम लगाएंगे, सोशल डिसटेंसिंग निभाएंगे।
वैक्सीन लगवाकर, भारत को कोरोना मुक्त बनायेंगे।

किश्तों की मुहब्बत !

September 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

किश्तों में ही मिली, तेरी मुहब्बत हमें।
जो ना मासिक थी, न ही सालाना।

पल दो पल की मुलाकातें थीं।
ना रूठना हुआ, ना मनाना।

कभी एक-मुश्त मिले होते, तो हम करते जी भर के दीदार तेरा।
पर शायद हमारे नसीब में ही नहीं था प्यार तेरा।

प्यारी पीहू का जन्मदिन

August 9, 2020 in Poetry on Picture Contest

प्यारी सी एक परी, जिसका जादू हर ओर चला है।

मेरे भईया-भाभी का घर, जिसने खुशियों से भरा है।

मुस्कान जिसकी, दुनियां से न्यारी है।

सुरत भी देखो, कितनी प्यारी है।

दादी-बाबा, मम्मी-पापा और हम सबकी लाडली।

गुड़िया सी वो प्यारी पीहू, इतराती है बर्थडे गर्ल बनी।

जन्मदिन पर उसके, ढेर सारा प्यार मिलें।

आने वाले जीवन में, खुशियां अपरंपार मिलें।

रक्षा बंधन

August 4, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

रक्षा का त्योहार है, ये बंधन नहीं है, प्यार है।

मूल्य ना आंको भेंट का, यह प्रेम का उपहार है।

दुरियां- नजदिकीयां, ये भृम का जंजाल है।

भाव बिना हैं तीर्थ क्या, प्रेम हो तो मूरत में भी भगवान हैं।

पत्नी के लिए संदेश

August 4, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

कभी तुम झगड़ती हो, तो कभी रुठ जाती हो।
फिर कभी चाय का कप लेकर, मुझे मनाती हो।

पल-पल गुजरती जिन्दगी, रेत सी फिसलती जाती है।
ओर तुम सारा दिन, मकां को घर बनाती हो।

न जाने किन किन से, कितने रिश्ते निभातीं हो, मुझको भी सामाजिक दायित्व सिखाती हो।

तुम्हारे जन्मदिन पर, ढेर सारी शुभकामनाएं।

भाभी को बधाई

July 10, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

मानों कल हि की बात हो……

एक नन्ही सी गुड़िया, मेरे गुड्डे से ब्याही थी।
दुल्हन के लिबास में, आंगन में खिलखिलाई थी।

मुस्कुराहट पर उसकी, दुनिया सारी वार दू्ं।
दुआओं-आशिर्वाद संग, उम्र भर का प्यार दूं।

दाम्पत्य जीवन में जो, अगला कदम बढ़ाया है,
उम्मीदों के प्रकाश से, जीवन जगमगाया है।

इंतजार के पल जल्द ही थम जायेंगे,
घर आंगन में खुशियों के दीपक जगमंगायेगै।

अब मैं अपने शब्दों को यहिं विराम देती हूं,
आने वाली खुशियों की दुआएं तमाम देती हूं।

प्यारी भाभी का जन्म दिन

July 10, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

मां के आंगन को, पकवानों की खुशबू से महकाती है।
कभी बहन बनकर, कभी दोस्त बनकर, रास्ता दिखाती हैं।

ख़ामोश मुस्कुराहट से ही, सब-कुछ कहजाति है।
पर कभी – कभी तो, बड़ी-बड़ी आंखों से हमें डराती है।

माना कि भैया ने ढूंढा है, पर हमने तुमको पाया है,
हर आशाओं को तुमने, अहसासो से सजाया है।

कितना कुछ कहना चाहुं, पर शब्द नहीं हैं कहने को।
अब छोड़ो चलो, बातों को बातों के लिए रहने दो।

शुभ हो जन्मदिवस, और वर्ष हो खुशियों से सरोबार।
ढेरों शुभकामनाओं के साथ, स्वीकारो हमारा ‘प्रेम’ रुपी उपहार।

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