कान्हा फ़िर से तूने माखन खाया ……

August 5, 2020 in Poetry on Picture Contest

ओ कान्हा तूने फ़िर से माखन खाया ,
तोड़ दी हांडी , सारा माखन भी गिराया…..
क्यों करता है तू , इतनी कुबद रे
क्यों करता है तू , इतनी कुबद रे….
थक जाती हूं मैं , बोल कैसे तू सुधरे……

मित्र भी तेरे सारे साथ ही आते
पकड़ में तू आता और वो भाग जाते
कैसे मैं मारूँ तुझको या कैसे समझायूँ…
तू ही लाल मेरा , तुझ पर सारा प्यार मैं लुटाऊँ…..
मान जा रे लल्ला मेरे , अपनी माँ की तू अर्जी ,
चोरी छिपे न किया कर , अपनी मन मर्ज़ी…..

देती हूँ तुझको जब मैं , तू वो खा लिया कर
ऐसे न सारा माखन , तू झूठा ना किया कर ….
प्रसाद भगवन का हैं हमको बनाना..
प्रसाद भगवन का हैं हमको लगाना
जाकर फ़िर है गईयों को चारा चराना…

तेरी कुबद से मैं तो हार ही जाती हूँ
मार कर तुझको अपना दिल मैं जलाती हूँ
खा कसम मेरी , न तू वापिस ऐसे करेगा….
बनेगा मेरा अच्छा लाल , माखन ऐसे झूठा ना करेगा….

खाता हूँ मोरी मैया मैं फ़िर से ऐसा करूँगा
मित्र जो मेरे भूखे , उनका पेट मैं हमेशा भरूँगा….
भगवन को तुम बड़ी देरी से भोग लगाते…
और हम बालक बेचारे , भूख से तड़प जाते….

तुझको ना सताऊंगा , मैं बस चोरी चोरी आऊंगा ,
सारी गोपियों की हांडी , फोड़ माखन मैं चुराऊँगा…
कृष्ण नाम मेरा , मैं तो अपनी बंसी बजाऊंगा….
वासुदेव यशोदा का मैं , नटखट लल्ला कह लाऊंगा….
वासुदेव यशोदा का मैं , कान्हा कह लाऊंगा………

…….गुज़र जाएगा…..

July 2, 2020 in Other

( दुनियां )
एक सोच में डूबी हूँ
क्या करूँ और किस काम को छोड़ दूं….
महाकाल , भयावह काल , कोरोना काल का यह समय किस तरफ़ मोड़ दूँ…..
समय माँगे जा रहा है फ़िर से समय
रुको वहीं , थोड़ा थम जाने दो
बुरा वक़्त है….. अपने समय से ये भी पलट जाएगा
गुज़र जाएगा….. ये मुश्किल समय भी नई खुशियां लाएगा…..

( डॉक्टर )
होते ना आप सब साथ , जंग शुरू में ही हार जानी थी
जुड़े हाथ से हाथ और क़िस्मत को एक नई कहानी बनानी थी….
सेवा भाव करते करते भी हमारे फ़रिश्ते ( डॉक्टर ) भाव -विभोर हुए ,
इस जंग को लड़ने के ख़ातिर ,…..अपने परिवार नन्हें बच्चों से भी दूर हुए….
इस जुदाई का परिणाम भी भाग्य अच्छा ही दे जाएगा
गुज़र जाएगा……ये अंधेरा भी जल्दी ही सफ़ेद रौशनी से डर जाएगा……

( नर्स )
माँ की ममता की दुलार आपके ही आँचल में मिली…..
इतनी नन्हीं जिंदगी , आपके हाथों से आपके हाथों में खिली…
इंजेक्शन – दवा आप ना होते तो कैसे हम कर पाते….
बेजान कमरों की दीवारों में कैसे ममता का अक्स देख पाते….
आपके कारण ही विश्वास है…..14 -21 दिनों – महीनों के सफ़र हमारा , आपसे ही संवर जाएगा…..
ये पल , ये समय ……गुज़र जाएगा…… माँ की ममता से ऊपर ममता देख ये भी बिख़र जाएगा……

( पुलिस )
बलशाली आप , बल दिखा दिया पूरा दुनियां को फ़िर एक बार…
समझाया प्यार से…..रहों घर में….. न होने देंगे हम दूर तुम्हारा घर- बार
देश की सीमा पर जवान , देश में रहते हुए आपका बलिदान….
18 -18 घण्टों की ड्यूटी से देश का प्रत्येक नागरिक रहेगा आपका कर्जदान….
ख़ाकी वर्दी में आप बलशाली …..कलियुग के हनुमान में आपका ही नाम आएगा….
पलट जाएगा.…..आपके साहस से यह दुखमय समय सुखमय में बदल जाएगा……

( सफाईकर्मी )
ना होते आप तो , पर्यावरण को स्वच्छ कौन इतना रख पाता
मुश्किल दौर में कौन बिखरने से हमको संभाल पाता….
मुँह पर मास्क , पीठ पर सैनिटाइजर रख कौन कर्मठता दिखाता….
देश साफ़ रहता क्या …..या इंसान कूड़ों के ढेर सा बिखर जाता….
आपके ही कारण …..देश सुंदर बन पाएगा…..
बदल जाएगा……. साहस से आपके हर गली हर मोहल्ला संवर जाएगा……

( सेवा भाव रखने वाले )
देश हित में लगे आप नोजवानों….
आपका कर्म भी आपको समय मीठा ही दे जाएगा….
सेवा भाव बनाए आप सभी पर
यूहीं बातों ही बातों में आपका नाम जरूर याद आएगा…..
चूक जाएगा…… कोरोना महामारी का तीर भी आपके सीने का जोश देख मुकर जाएगा…… ये मुश्किलों का दौर भी चला जाएगा…..

कुछ चीज़ें भी फ़िर पटरी पर आएगी
वीरान गलियां भी फ़िर ख़ुशनुमा हो जाएगी
विश्वास के जब 130 करोड़ ताल मिलेंगें
जन विश्वास के जब 130 करोड़ दीपक जलेंगें
कोरोना जल्दी ही उसमें जल ही जाएगा…..
थम जाएगा….. ये क़हर भी क़ुदरत का थम ही जाएगा…..

जो खो गई थी मुस्काने चेहरों से
अब देखना बढ़ कर वापिस आएगी
” आत्मनिर्भर ” की नई रणनीति देश का तिरंगा
गर्व से शान से सबसे ऊँचा लहरायेगी….
मास्क से मुँह ढका है पर,
चेहरे की मुस्कुराहट का अब आँखों से पता चल जाएगा….
समय बड़ा बलवान है….. और बलशाली हमें भी बना जाएगा…..
चला जाएगा….. ये मुश्किलों का दौर भी चला जाएगा।।

जय हिंद ……..वंदे मातरम ।।।।।।।।।।

By :- Vaishali Goyal

हम सिपाही है….. सिपाही ही रहेंगे…..

July 2, 2020 in Poetry on Picture Contest

….हर तरफ़ एक शोर है…..हर तरफ़ एक ही बात,
मुल्क़ के लिए अपनी जान जो दे गए,
यथासंभव हमें देना हैं मिलकर उनके परिवार का साथ…..
जोड़ सकते है हम अगर एक लहर को तो
जोड़ेंगे दिन और चाहे रात,
वापिस तो नहीं ला सकते अपने शहीदों को
पर मिटा भी नहीं सकते उनके अपनो के दर्द भरे जज़्बात…..
हमारे लिए वो लड़े जिनके वो बैरी नहीं
टुकड़ों में बिखर गया अब उनका शरीर , बिखरे है वो कहीं कहीं,
मुल्क अपना है लोग अपने है पर ,
अपनापन बस वहीं निभाते हैं….
क्या कैंडल मार्च या स्टेटस पोस्ट करने से कुछ होगा
बॉर्डर के इस पार पुतले फूँक फूँक कर ,
असली आतंकवाद तो हम आप जग जाते है….
एक बेटे , भाई, पति, पिता की कमी को ,
क्या अब कोई पूरा कर पाएगा ?
फ़िर भी उस माँ – बाप का कलेजा देखो ,
हमारे एक बेटे की शहादत का बदला लेने,
हमारा दूसरा बेटा भी बॉर्डर पर उनसे लड़ जाएगा….
तुम्हारी शहादत का बदला लेने ,
क़ाश अब देश पूरा एक जुट हो जाए….
अच्छे दिन तभी अच्छे लगेंगे ,
जब एक रोती माँ के आँसू ,
वापिस खुशियों में बदल जाए
वापिस खुशियों में बदल जाएं…………

हम सिपाही है… सिपाही ही रहेंगे,
जिंदा हैं या शहीद हुए ,
अपने वतन की रक्षा हमेशा करेंगें……।।

जय हिंद जय भारत…….

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