मोहब्बत के दो पहलू

May 27, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

तम्हारे हाथों की मेहंदी से मेरा नाम मिट गया
वह तुम्हारी मोहब्बत है
लेकिन
मैं अपनी नज़्मों से तुम्हें जाने न दूंगा

ये मेरी मोहब्बत है ।