स्वतंत्रता की वर्षगांठ
स्वतंत्रता दिवस काव्य पाठ प्रतियोगिता:-
खुशी खूबसूरती और खैर- ख़ैरियत के साथ
चलो मनाते हैं देश की स्वतंत्रता की वर्षगांठ ।
आजादी सौगात नहीं,अमर शहीदों की विरासत है
रक्त बून्द से सिंचित,करना हमें जिसकी हिफाज़त है
गली कूनवे, हर जन को करनी मुल्क की इबादत है
हमारी अभिव्यक्ति अपनी नहीं, ये उनकी शहादत है
विकसित नव निर्माण के संकल्प के साथ
चलो मनाते हैं स्वतंत्रता की वर्षगांठ ।
गुलामी के दंश से मातृभूमि को जो राहत दिलायी
कुर्वानी खुद की दे आजादी की मन में चाहत जगायी
कटकर भी जिनके शीश हिमालय शिखर से भी ऊंचे हैं
अपने शौर्य से जिसने आज़ाद हिन्द के अक्श खींचे हैं
उनके पदचिह्नो पर निर्भिक चलने के संकल्प साथ
चलो मनाते हैं देश की स्वतंत्रता की वर्षगांठ ।
अब भी क्यू अपने संकीर्णता के पंजे में जकड़े हैं
खुद के गर्व में खुद को बान्धे किस मद में अंधे हैं
कभी धर्मान्धता तो कभी जातिवादिता को पकङे हैं
क्षेत्रवाद, भेदभाव जैसे उन्मादो में अकङे हैं
रूकावटो को दूर कर, राष्ट्रनिर्माण संकल्प के साथ
चलो मनाते हैं देश की स्वतंत्रता की वर्षगांठ ।
क्या ये वही भारत है जिसमें थीं वीरों की आस्था
खेत, सङक आसरागृह में सुता की दिखती है व्यथा
फाँसी पे लटकती, अग्नि में जलाती दहेज़ की प्रथा
बेटियों को कमतर आकने की प्रचलित है कुप्रथा
भ्रूणहत्या नहीं, भ्रूणपल्लवन के संकल्प के साथ
चलो मनाते हैं देश की स्वतंत्रता की वर्षगांठ ।
हमारी अस्मिता पर टिक न पाए किसी की नजर
बुलन्दी के आगे उठ न पाए किसी दुश्मन का सर
हमारी सर्वशक्ति का विश्वभर में हो ऐसा असर
घुसपैठ की सोचने से पहले दहल जाए उनका जिगर
अपने कण-कण की हिफाज़त के संकल्प के साथ
चलो मनाते हैं देश की स्वतंत्रता की वर्षगांठ ।
विभिन्न नस्लों जातियों धर्मों से गुलज़ार है ये उपवन
विभिन्न बोलियों भाषाओं से महकता है प्यारा चमन
अहिंसा के दूत बनें ,पसन्द हो शान्ति -अमन
मतभेदों से उठकर, हम करें इन्सानियत को नमन,
अंजाम को सोचे बिना सत्यवलण के साथ
चलो मनाते हैं देश की स्वतंत्रता की वर्षगांठ ।
सुमन आर्या
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बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति
बहुत बहुत धन्यवाद
सुंदर रचना
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Atisunder
बहुत बहुत धन्यवाद
खूबसूरत चित्रण
बहुत बहुत धन्यवाद
अब तक कि सबसे सुन्दर रचना बहन जी
बहुत बहुत धन्यवाद भाईजी
बहुत खूबसूरत चित्रण, सुमन जी, वाह
बहुत बहुत धन्यवाद
Your poem is very nice.
धन्यवाद सर।
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