आज़ादी

खून से मिली आज़ादी हैं , जूनून से मिली आज़ादी हैं , बलिदान से मिली आज़ादी हैं सोचने की आज़ादी हैं , लिखने की आज़ादी…

भारत माँ

चूड़ियाँ पहनी जिन हाथों में, मैं तलवार उठा सकती हूँ। नहीं देश का एक कोना दूँगी, बदले में जां दे सकती हूँ। जिन्होंने मुझे खोटा…

वन डे मातरम

स्वतंत्र हैं हम देश सबका। आते इसमें हम सारे हर जाती हर तबका।।   सोई हुई ये देशभक्ति सिर्फ दो ही दिन क्यूँ होती खड़ी। एक…

New Report

Close