तेरी सुबह बङी निराली है
तेरी सुबह बङी निराली है.. तेरी शाम मधुर सुहानी हैं.. एे जानो जिगर से प्यारे वतन.. तेरे वैभव की अमर कहानी हैं वन्दे मातरम् वन्दे…
तेरी सुबह बङी निराली है.. तेरी शाम मधुर सुहानी हैं.. एे जानो जिगर से प्यारे वतन.. तेरे वैभव की अमर कहानी हैं वन्दे मातरम् वन्दे…
Aazaadi ki keemat hamne bahut badi chukaai hai Tab jaa kar hamne ye aazaadi paai hai Ye din hai bahut sunhaira, ye din hai bahut…
जहाँ हिन्दू मिले जहाँ पर मुसलमान मिले उसे हिन्दूस्तान कहते हैं, जहाँ हर मज़हब को एक सा सम्मान मिले उसे हिन्दूस्तान कहते हैं। कहदो उससे…
हम भारत मैं एकता की अखंड जोत जलायेंगै बहकावे में किसी के अब न हम आयेंगे दुख और मुश्किलों से अब ना हम घबरायेंगे रोटी…
????आजादी मुबारक हो???? ???????????? तोते पिंजरे जैसी बोली, खूब बढ़ी आबादी है, पंछी के पर काट दिए है, ये कैसी आजादी है। आजादी ये रूला…
कृपया राष्ट्र गान धुन में गायें ********************** तन मन धन न्योछावर कर दें तुम पर भारत माता विज्ञान ज्ञान भंडार भरें सब रखें सदा मन…
पितरों के तर्पण को जैसे, थाली में खीर जरुरी है, भारत माँ के श्रृंगार को वैसे, ही कश्मीर जरुरी है| चमकी थी जो सत्तावन में,…
ये कविता मैने खुद को एक बार बचपन मे रख के,जवानी मे रख के और एक बार खुद को आखिरी सफर मे रह कर महसुस…
आवो ! हम सब नमन करें भारत के वीर सपूतो का ! जिनने आज़ादी के हवन कुंड में अपना सब कुछ होम दिया आवो !…
नत मस्तक शीश झुकाए कतारबद्ध खडा हूं मैं लिए लघु हृदय वीरों संग दौड चला घावो की परवाह किए बिना तत्पर हूं कुछ करने को…
****जकड़ी है**** कुर्बानी से उपजी थी अब तस्वीरों में जकड़ी है, ऐ हिंद! तेरी आज़ादी सौ-सौ जंजीरों में जकड़ी है l हर…
शत्-शत् नमन करें उनको , जो राष्ट्र-हित में शहीद हुए। जन-जन रो देता है सुन वे वीर गति को प्राप्त हुए। पुत्र खोने का दर्द…
स्वतंत्रता का नव विहान– गाओ मंगल गान! लहराते ध्वज को देखो- स्वाभिमान भरे मस्तक ऊँचे! याद करो वीरों की कुर्बानी! ज़ुल्म भरे व्यथा की कहानी।…
माँ तुम राह देखती होगी कि मेरा लाल आयेगा पर सरहद पर जंग इतनी छिड़ी थी कि तेरा लाल नआ पाया वो इतने सारे थे…
स्वर्णिम ओज सिर मुकुट धारणी,विभूषित चन्द्र ललाट पर गुंजन करे ये मधुर कल-कल, केशिक हिमाद्रि सवारकर आभामय है मुखमडंल तेरा, स्नेहपू्र्णिता अतंरमन। अभिवादन माँ भारती,…
क्या है भारत । एक कल्पना है ये भारत, हरिअर वन-खलिहानो की रहे सूखी जहाँ ये धरती तो उसे भारत नही समझना एक उम्मीद है…
चांद और सूरज हमारा है धरती और आसमान हमारा है कश्मीर और अवध हमारा है हिंदुस्तान हमारा है न कुछ रहा जो तुम्हारा है तोप…
अनजानी राहों पर बिन मकसद के मैं चलती हूँ जबसे तुम से जुदा हुई हूँ तनहाईयों में पलती हूँ कब आओगे तुम प्रियवर अब और…
लेखनी को पुष्प चढ़ाकर भाव ह्रदय से सजाकर ज्ञान का भंडार भरकर प्रेम – अश्रु के साज से आज कुछ ऐसा लिखूॅ गीता लिखूॅ कुरान…
शहीदों को नमन ****** नमन करो उन वीरों को जिनसे से यह देश हमारा है उनके साहस के दम पर महफूज घरों में रहते हैं…
पन्द्रह अगस्त की बेला पर रवि का दरवाजा खुलता है, सब ऊपर से मुस्काते हैं पर अंदर से दिल जलता है जब सूखे नयन-समन्दर में…
लेखनी को पुष्प चढ़ाकर भाव ह्रदय से सजाकर ज्ञान का भंडार भरकर प्रेम – अश्रु के साज से आज कुछ ऐसा लिखूॅ गीता लिखूॅ कुरान…
भारत माता सिसक रही है भारत माता, आॅचल भी कुछ फटा फटा है चेहरे का नूर कहीं नहीं है,घूंघट भी कुछ हटा हटा है।। क्या…
एक शहीद का खत….. ‘माॅ मेरे खत को तू पहले आॅखों से लगा लेना चूमना होठों से इसे फिर आॅचल में छिपा लेना।’ कि….. बेटा…
मैं नेत्रहीन नहीं आंखे मूंदे बैठा हूं मैं भी अवगत था सत्य से पर विवश रहा सदा अन्तर्मन मेरा क्या मिलेगा व्यर्थ में लड़ने से…
देखो फिर से सावन आया। सरोवर में कमल मुस्कराया।। भॅवरों ने गीत गुरगुनाया । कोयल ने की कुहू – कुहू ।। सारा घर आंगन खुशियों…
सम्पूर्ण ब्रहमण्ड भीतर विराजत ! अनेक खंड , चंद्रमा तरेगन !! सूर्य व अनेक उपागम् , ! किंतु मुख्य नॅव खण्डो !! मे पृथ्वी…
जश्ने आजादी का पल है,आओ खुशी मनाएँ। आसमान फहरे तिरंगा, जन गण मन हम गाएँ। कालिमा की बीती रातें ,आया नया सवेरा। प्रगति -पथ परआगे…
कायर ——- दरवाजे पर आहट हुई अधखुला दरवाजा खुला परिचित सामने खड़ा आस्तिने चढाए पैर पटकता लौट गया बोलकर कुछ अनसुने,अनकहे शब्द एक चुप्पी और…
निवेदन ——– ऐ पथिक राह दिखा मुझे मुख न मोड़ चल साथ मेरे भारत आजाद कराना है धर्म मेरा ही नहीं तेरा भी है भयभीत…
माँ भारती तेरी आरती । तेरी आरती माँ भारती ।। माँ भारती तेरे निगहबान सीमा प्रहरी हम पाकर अजेय वरदान डटे हैं सीमाओं पर इस…
मातृभूमी पर दिल करता है हो जाऊं कुर्बान बना रहे ये प्यारा झंडा भारतवर्ष की शान देश के कितने ही भक्तों ने तुमको रक्त चढ़ाया…
हम स्वतंत्र होगे एक दिन ये आस लिए कुछ प्रण किया था आह! क्या थे वो क्षण जब मैं नहीं हम थे सब ध्येय एक…
???????? ————————- प्रतिभाओं का धनी ————————— सत्य-बोध के मूल-बीज को प्रकृति ने स्वयं निखारा है प्रतिभाओं का धनी आदि से भारत-वर्ष हमारा है श्वर-व्यञ्जन को…
मानव ^^^^^^ अहंकार का पुतला बन जा तज दे भली-भला, अरे क्या करता है मानव होकर सत्य की राह चला | तू मानव रहकर क्या…
” माँ ” ——- शब्दों के सद्भाव ^^^^^^^^^^^^^^^^^^ मानवता भी धर्म है जैसे इन्सानियत मज़हबी नाम, शब्दों के सद्भाव भुलाकर जीवन बना लिया संग्राम |…
देश की आश ^^^^^^^^^^^^^^^^ आशा है अब आज़ादी के मैं सपने देख सकूंगा, आशा है मै फिर से प्यारा भारत…
कूटनीति… राजनीति वट वृक्छ दबा है घात क़ुरीति की झाड़ी मे धूप-पुनीति को अम्बु-सुनीति को तरसे आँगन-बाड़ी ये कूटनीति सा कोई चोचला मध्य हमारे क्युं…
???????? ————————- प्रतिभाओं का धनी ————————— सत्य-बोध के मूल-बीज को प्रकृति ने स्वयं निखारा है प्रतिभाओं का धनी आदि से भारत-वर्ष हमारा है …
अपनी जो आज़ादी थी, मानो सदियों के सर्द पर, इक नज़र धुप ने ताकी थी। ‘पर’ से तंत्र, ‘स्व’ ने पायी थी, पर ‘संकीर्ण-स्व’ से…
Sone ka Bharat,mera Chandi ka Gujarat Hai -2 Tajmahal Dekhke,Lalkila Dekhke Dushman bhi Hairan Hai -2 Sone ka Bharat… Gandhi ka jawab Nahi,Nehruji Lajwab Hai-2 Modi Ko Dekhke,Kejriwal Ko Dekhke,mushraf Bhi Hairan Hai -2 Sone ka Bharat… Sachin ka jawab Nahi,Viru Bhi Lajwab Hai-2 Dhoni Ko Dekhke Kohli Ko Dekhke Watson Bhi Hairan Hai-2 Sone ka Bharat… Bacchan ka jawab Nahi,Dharmendra bhi Lajwab…
आज़ादी के जश्न बहुत पहले भी तो तुमने देखे माँ के दिल से बहते वो आंसू भी क्या तुमने देखे, भूखे बच्चे लुटती अस्मत व्यभचारी…
तिरंगा बस झण्डा नहीं हम सब का सम्मान है। तिरंगा कोई कपडा नहीं पूरा हिन्दुस्तान है।। तिरंगा कोई धर्म नहीं सब धर्मों की जान है।…
माँ की गोद छोड़, माँ के लिए ही वो लड़ते हैं, वो हर पल हर लम्हां चिरागों से कहीं जलते हैं, भेज कर पैगाम वो…
जाति धर्म देखे बिना, देशद्रोहियों को अपने हाथों से मिटाना होगा नई पीढ़ी को अभिमन्यु सा, गर्भ में देशभक्ति का पाठ पढ़ाना होगा तुम्हें व्यक्तिवाद…
मेरा देश महान घनघोर घटा में अलख जगा कर देख रहा मतिहीन, जाग सका ना घन गर्जन पर जग सोने में लीन, इस निस्तब्ध रजनी…
जब स्वतंत्र भारत राज तो और स्वतंत्र हैं विचार तो, फिर घिरे हुए है क्यों सुनो तुम आतंक में भारतवासियों, वीर तुम बढ़े चलो अब…
तुम्हारी कंधे पर, झुकती है हिमालय तुम्हारी छाती से फूटती है गंगा तुम्हारी आचल के कोने से निकलती है हिंद महासागर मुझे गर्व है कि…
कदम कदम बढ़ा रहे हैं, अपनी छाती अड़ा रहे हैं, कश्मीर की धरती पर वो सैनिक अपनी, माँ का गौरव बढ़ा रहे हैं, तोड़ रहे…
चलो मिलकर एक नया मुल्क बनाते हैं, जहाँ सरहद की हर दिवार मिटाते हैं, छोड़ कर मन्दिर मस्ज़िद के झगड़े, हरा और भगवा रंग मिलाते…
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