चिपको आंदोलन 1970
चिपको आन्दोलन की शुरुआत 1970 में सुंदरलाल बहुगुणा, गौरा देवी, कल्याण सिंह रावत पर्यावरणविद ने की। वन विभाग के अधिकारियों को 2400 से अधिक पेड़…
चिपको आन्दोलन की शुरुआत 1970 में सुंदरलाल बहुगुणा, गौरा देवी, कल्याण सिंह रावत पर्यावरणविद ने की। वन विभाग के अधिकारियों को 2400 से अधिक पेड़…
शुद्ध रहे ये आबोहवा सदा जीवन के अनुकूल। बृक्ष लगाओ चारों ओर सड़क सरित के कूल।। हरे पौध बृक्षों से है धरती की हरियाली। वातावरण…
कर बर्षा आकाश सदा पानी सबको देता है। बृहत उदर का होकर भी आखिर हमसे क्या लेता है? एक वायु का प्यासा है ये शुद्ध…
पत्थर भी पानी देता है पर पानी में क्या घुलता है? धरती पानी लेती है तो फिर फिर पानी मिलता है।। पानी के प्रति पानी…
विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक बधाई | भोजपुरी गीत- ई संसार ना मिली | बचावा तनी धरती माई मौका फिर तोहार ना मिली | मिटावा…
पेड़ पौधे लगाओ चारों तरफ फैलाओ हरियाली इस तरह करो पर्यावरण की रखवाली
प्रकृति और पर्यावरण मानव आज हो रहा है, आज स्वार्थ प्रधान प्रकृति और पर्यावरण का, नहीं है किसी को ध्यान प्रकृति ही देती है सबको,…
कविता कोरोना से डरो ना स्वच्छता को अपनाओ, कोरोना को ठेंगा दिखाओ। जहाँ से आया हमारे देश में, उसे वहाँ भगाओ।। चारो तरफ मचा दिया…
उम्मीदों की नई सुबह नववर्ष की। सुख – समृद्धि और उत्कर्ष की ।। आगे बढ़ते हैं, कड़वे पल भुला कर। छोड़ वो यादें, जो चली…
धड़ाधड़ अंधाधुन हो रहा पेड़ों की कटाई, मूक बाधिर बने रहे तनिक लाज नहीं आई, सूलग रहा आरे आज राजनीति के करतुतो से, पर्यावरण प्रेमी…
) पर्यावरण का हो रहा हरण वृक्षो की शामत हैं आयी लगे हैं धुन में वृक्ष काटने प्रकृति भी देखो हैं कुम्हलाई कटते रहे वृक्ष…
उम्मीदों की नई सुबह नववर्ष की। सुख – समृद्धि और उत्कर्ष की ।। आगे बढ़ते हैं, कड़वे पल भुला कर। छोड़ वो यादें, जो चली…
चलो उठो ये प्रण कर लें हम भारत को स्वच्छ बनाना है, धरती माँ के आँचल को हरियाले,फल-फूलों से सजाना है, प्रदूषण की जहरीली हवा…
आजादी का विजय पर्व , हम मिलकर आज मनायें | आज की मधुरिम बेला पर ,हम गीत खुशी के गायें | एक झोपडी भी भारत…
पर्यावरण को बचाना हमारा ध्येय हो सबके पास इसके लिए समय हो पर्यावरण अगर नहीं रहेगा सुरक्षित हो जायेगा सबकुछ दूषित भले ही आप पेड़…
सूख गई धरती दाने दाने को पंछी भटक रहा झंझावात में बिन पानी सांसे लेने में अटक रहा | तिस पर भी प्रतिदिन मानव संवेदन…
आज का विषय-मनहरण घनाक्षरी/कवित्त दिनांक-२०/६/१६ विधा- गीत (गौना/भला) वार्णिक छंद मात्राएँ-८ ८ ८ ७ – १६-१५ धरती पर वृक्ष नित्य अल्प होते जा रहे पर्यावरण…
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