Tujhe bhul na pai ab tak
तुझे भूल न पाई अब तक,
आंखों में तुम बसे हो अब तक,
आंखों में तेरी थी समंदर की गहराई,
जो भूल न पाई अब तक,
बातों में तेरी थी झरनों की सरगम,
जो कानों में मेरे गूंजती है अब तक,
ठंडी हवा का झोंका सा था तेरा आना,
जो मुझे महसूस होता है अब तक,
छोड़कर जो चले गए तुम मुझे,
क्या मैं याद नहीं आई तुझे अब तक,
गुजरेगी जिंदगी क्या तन्हाई में तेरी,
कितने निष्ठुर हो तुम यह जान गई मैं अब तक |
Wah bahut khub
Thanks
Nice
Thanks
Nice
Thanks
वाह बहुत सुन्दर
Thanks
Good