कतरा कतरा रिसते रहे हम

कतरा कतरा रिसते रहे हम

उनके इश्क़ में

अपने ही अंदाज में हम

उम्मीद है की नजर न होगी

कोई शख्सियत तेरे इतिहास में हमे

मगर एक आरज़ू है मगर दिल में

एक नजर भर देख लीजिएगा

लिपटे स्याह सफ़ेद लिबास में हमें ।।

#suthars’

 

 

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

सफेद दरख्त

सफेद दरख्त अब उदास हैं जिन परिंदों के घर बनाये थे वो अपना आशियाना ले उड़ चले। सफेद दरख्त अब तन्हा हैं करारे करारे हरे…

Responses

New Report

Close