अश्क बेपरवाह बहे जाते है
अश्क बेपरवाह बहे जाते है
एक कहानी है
ये जो कहे जाते है
कोई सुनता ही नहीं
कोई ठहरता ही नहीं
आते है लोग, चले जाते है
अश्क बेपरवाह बहे जाते है
आंखो से बहकर आसूं
आ जाते है रूखसारो पर
छोड कर खारी लकीरे,
अपने अनकहे अहसासों की
न जाने कहां गुम जो जाते है
अश्क बेपरवाह बहे जाते है
बेहतरीन अल्फ़ाज …….पन्ना भाई
thanks bhai
छोड कर खारी लकीरे,
अपने अनकहे अहसासों की
न जाने कहां गुम जो जाते है
अश्क बेपरवाह बहे जाते है
बेहतरीन