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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
वर्तमान से वक्त बचा लो [पंचम भाग ]
विवाद अक्सर वहीं होता है, जहां ज्ञान नहीं अपितु अज्ञान का वास होता है। जहाँ ज्ञान की प्रत्यक्ष अनुभूति होती है, वहाँ वाद, विवाद या…
मैं आर देख रहा था, मैं पार देख रहा था…
मैं आर देख रहा था, मैं पार देख रहा था, बंद लतीफों की खड़े -खड़े मल्हार देख रहा था, सोचा था तंग आकर लिखूंगा ये…
ज्ञान का पहला मार्ग
अज्ञानता ही ज्ञान का पहला मार्ग है l अज्ञानता से हीन भाव रखना, अपने आप में मूर्खता है l अल्प ज्ञान भी ज्ञान है, जब…
शिक्षा ग्रहण करो, संत ज्ञानेश्वर भीमराव बनो
शिक्षा ग्रहण करो,संत ज्ञानेश्वर भीमराव बनों —————————————————- यदि मन में अभिलाषा है किसी विशेष कार्य, वस्तु ,लक्ष्य, पद प्रतिष्ठा के लिए और धरातल पर कोई…
👌✍🙏
बहुत सुंदर रचना भाई जी
Nice
Jis gyan se prem ho usi main safalta milte ha. Mere papa hamesha kahte. Jo acha lage usi ko sikho
अति सुन्दर रचना
प्रेमी बनना ही आनंद प्राप्त करना है। ज्ञान में टकराव है, खूबसूरत और सच्ची पंक्तियाँ
कम शब्दों में बहुत कुछ है आपकी रचना में।