आँखें खोल कर मुर्दा बैठे है
जीता कौन है यहा जिंदगी
आँखें खोल कर मुर्दा बैठे है
ख़ुद इनको ही मालूम नही
लाईने मौत की लगा बैठे है
दिन रात दौलत की चाह में
मरने की तैयारी करके बैठे है
कहने को ही जीते हैं जिंदगी
मिटने की तेयारी करके बैठे है
…… यूई
वाह
Nice