आग की तरह

तुम मुझे अपनी वाणी से हताहत कर सकते हो
अपनी गंदी नजरों से मुझे काट सकते हो
अपनी नफ़रत से मुझे मार सकते हो
लेकिन मैं हर बार ऊठूंगी
आग की तरह

Related Articles

वाणी

मानव का गहना है वाणी, वाणी का भोगी है प्राणी । मधुर वचन है मीठी खीर, कटु वचन है चुभता तीर । सद वचन है…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close